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National Tourism Day 2021: झारखंड में गंगा मइया सिर्फ यहां देती दर्शन, देखना चाहते हैं तो आइए, लहरों में खो जाइए

National Tourism Day 2021 झारखंड के पर्यटन विभाग के निदेशक सिद्धार्थ त्रिपाठी वर्ष 2010 में साहिबगंज आए थे। तब राजमहल के गंगा तट व ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया था। उसी समय इनको दमकाने की कार्ययोजना बनाई थी। राजमहल की धरोहरों को शानदार बताया था।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 10:00 AM (IST)
National Tourism Day 2021: झारखंड में गंगा मइया सिर्फ यहां देती दर्शन, देखना चाहते हैं तो आइए, लहरों में खो जाइए
साहिबगंज गंगा घाट के पास से गुजरता पानी का जहाज ( फाइल फोटो)।

साहिबगंज [ धनंजय मिश्र ]। गोमुख से लेकर गंगासागर तक गंगा बहती है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग खुद को गंगा के बहुत नजदीक पाते हैं। क्योंकि इन राज्यों में गंगा की धारा सैकड़ों किलोमीटर बहती है। लेकिन झारखंड के 24 में 23 जिलों के लिए गंगा पहुंच से दूर है। गंगा के सफर में सिर्फ झारखंड का साहिबगंज जिला आता है। सफर भी लंबा नहीं है। लेकिन यह सफल साहिबगंज के लिए सौभाग्य के समान है। यह साैभाग्य झारखंड में सिर्फ साहिबगंज को है। यहां गंगा घाट पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। 

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गंगा घाट पर बनाया जा रहा रिवर फ्रंट

नमामि गंगे परियोजना के तहत साहिबगंज में गंगा तट पर बन रहे रिवर फ्रंट से लेकर गंगा किनारे के धार्मिक स्थलों को चमकाया जा रहा है ताकि गंगा की लहरों के साथ यहां के धाॢमक व ऐतिहासिक स्थल लोगों का मन मोह लें। गंगा किनारे बने कन्हैया स्थान मंदिर की खूबसूरती व राजमहल में बनीं मुगलकालीन इमारतें सैलानियों को खूब लुभाते हैं। ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आएं, इसके लिए सड़कों को चमकाने के साथ-साथ पर्यटन स्थलों पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो रही है।

दस साल पहले गंगा पर सरकार ने लगाया ध्यान

सूबे के पर्यटन विभाग के निदेशक सिद्धार्थ त्रिपाठी वर्ष 2010 में साहिबगंज आए थे। तब राजमहल के गंगा तट व ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया था। उसी समय इनको दमकाने की कार्ययोजना बनाई थी। राजमहल की धरोहरों को शानदार बताया था। कहा था- इनका बेहतर संरक्षण हमें पर्यटन की ऊंचाई पर पहुंचाएगा। राजमहल के बारहद्वारी और मस्जिद के पास लाइट और साउंड सिस्टम विकसित करने की बात तय हुई थी।

पर्यटन की दृष्टि से बहुत कुछ

दरअसल राजमहल सूबे का ऐसा क्षेत्र है जहां मध्यकालीन धरोहरें हैं। निदेशक ने उधवा पक्षी विहार देखने के बाद कहा था- जिस प्रकार ओडिशा की  चिल्का झील का नाम सबकी जुबान पर है, वैसे ही यहां का पक्षी विहार भी हो सकता है। बस इसके विकास की जरूरत है। गंगा तट के कटघर व राजमहल की पहाडिय़ों में मिलने वाले जीवाश्म देश-विदेश के पर्यटकों को आकॢषत कर सकते हैं। 

एक करोड़ की रकम से हो रही प्रकाश व्यवस्था

साहिबगंज जिले के पर्यटक स्थलों पर बेहतर प्रकाश व्यवस्था हो रही है। इसमें एक करोड़ की राशि खर्च होगी। काम शुरू हो गया है। कन्हैया स्थान, शुक्रवासिनी मंदिर और बिंदु धाम मंदिर आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए भवन निर्माण हो रहा है। नमामि गंगे परियोजना के तहत करोड़ों की लागत से गंगा तट को खूबसूरती प्रदान करने को घाट निर्माण हो रहा है। गंगा तट के 78 गांवों को गंगा ग्राम मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। साहिबगंज में बंदरगाह बनने के बाद क्रूज के सहारे देश-विदेश के पर्यटकों को सैर कराने की भी योजना तैयार हो रही है। 

झारखंड में गंगा सिर्फ साहिबगंज जिले से होकर गुजरती है। यह साहिबगंज का साैभाग्य है। यहां के ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों को चमकाया जा रहा हे ताकि देश-विदेश के पर्यटक आकर इन्हें देखें। इसके लिए बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था और पुख्ता हो रही है।

-रामनिवास यादव, उपायुक्त, साहिबगंज


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