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National Pollution Prevention Day: देश के सबसे प्रदूषित शहरों में धनबाद का झरिया पहले पायदान पर

ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगता है। धनबाद के लिए तो यह इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में धनबाद (झरिया) पहले पायदान पर है। इसी वर्ष ग्रीन पीस इंडिया की रिपोर्ट ने भी

By Atul SinghEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 10:57 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 10:57 AM (IST)
National Pollution Prevention Day:  देश के सबसे प्रदूषित शहरों में धनबाद का झरिया पहले पायदान पर
ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगता है।

आशीष सिंह, धनबाद : ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगता है। धनबाद के लिए तो यह इसलिए भी खतरनाक है, क्योंकि देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में धनबाद (झरिया) पहले पायदान पर है। इसी वर्ष ग्रीन पीस इंडिया की रिपोर्ट ने भी इसपर अपनी मुहर लगा दी थी। इसका नियंत्रण बेहद जरूरी है। कोयला और गाड़ियों का निकलता धुआं धनबादवासियों को बीमार कर रहा है। सांस लेने की समस्या तो अब आम होते जा रही है। हम  हर वर्ष दो दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस इसीलिए मनाते हैं कि इसपर नियंत्रण किया जा सके, लेकिन कारगर उपाय होता दिख नहीं रहे है। न तो झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक्शन प्लान प्रभावी हो सका और न ही नगर निगम इसपर लगाम लगाने में सफल हुआ। खामियाजा आम जनता उठा रही है। आप और हम अगर नहीं चेते तो आने वाला समय भयावह होने वाला है। प्रदूषण का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि लॉकडाउन के समय मार्च और अप्रैल में धनबाद में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर शून्य था। इस समय पीएम 2.5 औसतन 70 तो पीएम 10 का स्तर 180 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) है। जिले में कई ऐसी जगह है जहां पीएम 10 की मात्रा अत्यधिक बढ़ चुकी है। इसमें बैंक मोड़, धनसार, झरिया आदि का इलाका प्रमुख तौर पर शामिल है। पर्यावरण विशेषज्ञ संजय श्रीवास्तव कहते हैं कि पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं। इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है। पीएम 10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) होना चाहिए। कई जगह यह 200 तक पहुंच गया है। पिछले कुछ वर्षों में पीएम 10 में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।

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आठ वर्ष से फाइलों में एक्शन प्लान

2010 में सीपीसीबी ने एयर क्वालिटी इंडेक्स जारी किया था। इसमें धनबाद को देश के 43 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में 13वें स्थान पर रखा था। इसके बाद 2011 में डब्ल्यूएचओ ने दुनिया के प्रदूषित शहरों की एक सूची जारी की। इसमें भारत के 33 शहरों को भी शामिल किया गया। इनमें धनबाद 11वें स्थान पर था। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने धनबाद में 31 मार्च 2012 तक किसी भी तरह का उद्योग लगाने पर रोक भी लगा दी थी। बाद में स्थिति में कुछ सुधार होने के बाद रोक हटा ली गई। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण को लेकर धनबाद एक्शन प्लान बनाया गया। आठ वर्ष से यह प्लान फाइलों में कैद है। धनबाद में प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए कार्ययोजना के लिए 1463 करोड़ खर्च का आकलन तैयार किया गया, लेकिन कार्ययोजना धरातल पर नहीं उतरी। 2017 में भी प्रदूषण पर जारी रिपोर्ट में धनबाद को देश के प्रदूषित शहरों में 24वें नंबर पर रखा गया। इस रिपोर्ट के बाद धनबाद में उच्च स्तरीय बैठक कर दुबारा एक्शन प्लान बनाने का निर्णय लिया गया। हालांकि इस निर्णय को भी दो वर्ष बीत गए। इसके बाद 2020 में ग्रीन पीस इंडिया की रिपोर्ट में धनबाद-झरिया को प्रदूषित शहरों सूची में पहले नंबर पर रखा गया। इससे भी सबक लेने की कोशिश नहीं की गई।

धनबाद में प्रदूषण के प्रमुख कारक

- झरिया और कुसुंडा की हवा सबसे अधिक जहरीली।

- प्रदूषण का बड़ा कारण ओपनकास्ट कोलियरियां, इसकी वजह से धूल कण हवा में तैर रहे हैं।

- वायु प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल के खदान में हो रहे उत्पादन एवं कोल ट्रांसपोर्टेशन।

- वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैस सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण आरएसपीएम (रेस्पाइरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) एवं एसपीएम (सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) मिलकर इसमें इजाफा कर रहे हैं।

- चिमनियों या जेनरेटर आदि से निकलने वाला धुआं भी बड़ा कारण है।

- अधिक नुकसान सड़क पर उड़ती हुई धूल से होता है। कोलियरी क्षेत्र से निकलने वाले कोयला लदे ट्रक धनबाद शहर को प्रदूषित करने में महत्वपूर्ण निभा रहे हैं।

- जिला परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2009 से लेकर नवंबर 2020 तक तीन लाख 83 हजार गाड़ियां धनबाद की सड़कों पर धुआं उड़ा रही हैं।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए नगर निगम खर्च करेगा दस करोड़

धनबाद : झरिया और धनबाद को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए नगर निगम नेशनल क्लीयर एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) के तहत झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिले 10 करोड़ रुपये खर्च करेगा। प्रथम किस्त के तौर पर तीन करोड़ रुपया निगम को मिल चुका है। इसका उपयोग प्रदूषण की रोकथाम के लिए किया जाएगा। इसमें डस्ट का उठाव, पानी का छिड़काव, जगह-जगह पौधारोपण और जागरूकता अभियान शामिल है। फिलहाल नगर निगम इस पैसे से तीन वाटर स्प्रींकलर मशीनें खरीदने जा रहा है। यह मशीन धनबाद अंचल, छाताटांड़ और सिंदरी-झरिया अंचल में काम पर लगाया जाएगा। सड़कों और गलियों में पानी का छिड़काव होगा। वाटर स्प्रींकलर से समय-समय पर पानी का छिड़काव किया जाएगा। दरअसल केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने देश के 23 राज्यों के 122 शहरों में प्रदूषण के स्तर से निपटने के लिए नेशनल क्लीयर एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) बनाया है। इसमें धनबाद भी शामिल है।

एनसीएपी के तहत होंगे ये काम

- कोलियरी व ओपनकास्ट माइनिंग से निकलने वाले वाहन ढंके होने चाहिए।

- जगह-जगह वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएएमक्यूएमएस) की स्थापना।

- मोबाइल इंफोर्स यूनिट (एक गाड़ी और एक स्टाफ), जो प्रदूषण के कारकों पर नजर रखे।

- प्रदूषित इलाकों एवं खाली जगह पर पौधारोपण।

- खुले स्थानों, पार्क और सड़क किनारे पौधारोपण।

- कचरे का सही तरीके से निस्तारण।

- लोगों में हरियाली को लेकर जागरूकता अभियान।

- 15 साल पुरानी गाड़ियों पर रोक, ट्रैफिक जाम की समस्या से मिले निजात।

कहां कितना वायु प्रदूषण

क्षेत्र            स्तर (एमजीसीएम)

बरटांड़        175.25

बैंक मोड़      185.25

श्रमिक चौक  190.72


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