जानें-क्यों मनाते हैं National Police Day, इस साल कर्त्तव्य की बलि बेदी पर 292 जवानों ने दी प्राणों की आहुति
पहले भारत की सीमा की रक्षा के लिए राज्य पुलिस के जवान भी तैनात होते थे। 1959 में चीन से लगी भारत की सीमा की रक्षा करते हुए 21 अक्टूबर को दस पुलिसकर्मियों ने शहादत दी।
धनबाद, जेएनएन। पुलिस लाइन धनबाद में सोमवार को राष्ट्रीय पुलिस डे मनाया गया। एसएसपी किशोर कौशल के साथ ही तमाम पुलिस-पदाधिकारियों ने शदीह स्मारक पर पुष्प चढ़ा शहीद जवानों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद जवानों के सम्मान में विशेष परेड हुआ। इस दाैरान शस्त्र झुका कर शहीदों को सलामी दी गई। दो मिनट का मौन रखकर पुलिस अधिकारियों ने शहीद जवानों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की।
इस साल देश भर में शहीद 292 जवान शहीद हुए हैं। इनमें झारखंड के पांच जवान शामिल हैं। एसएसपी ने धनबाद जिले से शहीद हुए तीन जवानों के परिजनों को शॉल देकर सम्मानित किया। एसएसपी ने कहा कि सेना के जवान सीमा पर देश की रक्षा के लिए शहीद होते हैं और पुलिस के जवान सीमा के अंदर देश की रक्षा में शहीद होते हैं। दोनों ही सूरत में शहादत अतुलनीय है। इन्हें सम्मान देकर हम खुद सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
जानिए क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय पुलिस डेः पहले भारत की सीमा की रक्षा के लिए राज्य पुलिस के जवान भी तैनात होते थे। 1959 में चीन से लगी भारत की सीमा की रक्षा करते हुए 21 अक्टूबर को दस पुलिसकर्मियों ने शहादत दी। इन्हीं के सम्मान में हर साल 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय पुलिस दिवस मनाया जाता है। जनवरी 1960 में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों का सम्मेलन हुआ। उस सम्मेलन में लद्दाख की सीमा पर चीन की सेना से लड़ते हुए वीर गति प्राप्त करने वाले 10 पुलिसकर्मियों और हर साल ड्यूटी पर प्राणों की आहुति देने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मान देने का निर्णय लिया गया। उनके सम्मान में ही हर साल 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय पुलिस दिवस मनाया जाता है।