पढ़ाई में भी नाम कमाना चाहती है राष्ट्रीय फुटबाल खिलाड़ी रिकी
संवाद सहयोगी गोमो बाजार दिहाड़ी मजदूर नुनूलाल सोरेन की बेटी रिकी सोरेन राष्ट्रीय स्तर पर
संवाद सहयोगी, गोमो बाजार: दिहाड़ी मजदूर नुनूलाल सोरेन की बेटी रिकी सोरेन राष्ट्रीय स्तर पर फुटबाल में अपना लोहा तो मनवा चुकी है लेकिन पढ़ाई में भी वो अव्वल रहना चाहती है। रिंकी अपनी पढ़ाई को निरंतर जारी रखने के लिए अपने बगान व खेत में कड़ी मेहनत कर सब्जी उपजा रही है। तोपचांची प्रखंड कार्यालय से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिशुनपुर पंचायत के लक्ष्मीपुर गांव निवासी नुनूलाल के घर की हालत अच्छी नहीं है। यही वजह है कि बेटी की उच्च शिक्षा दिलाने में आर्थिक स्थिति बाधक है। हालांकि आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए रिकी खुद अपने खेतों व बगानों में सब्जी उपजा रही है। उससे मिले पैसे से बाघमारा कालेज में बीए सेमेस्टर पांच की पढ़ाई कर रही है।
रिकी सोरेन ने लिया संकल्प
अपने घर में खुशहाली लाने के लिए वह दिन-रात मेहनत कर रही है। उसने बताया कि हमने पढ़ाई के साथ 2010 में रवींद्र संघ क्लब से जुड़कर फुटबाल खेल लक्ष्मीपुर सरना मैदान में शुरू किया। 2012 में दो बार राज्यस्तरीय ग्रामीण फुटबाल टूर्नामेंट में शामिल हुई। उसके बाद रांची में आयोजित स्टेट लेवल मुख्यमंत्री आमंत्रण कप 2019 में खेली, जहां से नेशनल खेल के लिए उसका चयन किया गया। गोवा, भुनेश्वर, कोलकाता के अलावा कटक में बेहतर खेल का प्रदर्शन किया।
माड़-भात, चोखा खाकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही है रिकी
रिंकी ने कहा कि आज तक मुझे फुटबॉल खेल के अलावा पढ़ाई में सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है। कॉलेज का शुल्क एक बार में नहीं दे पाती हूं। घर की माली स्थिति खराब है इसलिए दो भाई में एक इंटरमीडिएट तथा दूसरा मैट्रिक तक ही पढ़ाई कर सका। मां शांति देवी, पिता नुनूलाल सोरेन ने कहा कि मजदूरी कर घर को चलाना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बेटी की पढ़ाई के लिए कहां से पैसा ला पाऊंगा। मेरे तीन बेटी तथा तीन बेटा है, जिसमें एक बेटी की शादी हो चुकी है।