परफार्मेंस के आधार पर सिटी मैनेजर का होगा सेवा विस्तार
धनबाद नगर निगम के सभी सिटी मैनेजर यानी नगर प्रबंधकों का सेवा विस्तार अब उनके प्रदर्शन पर ि
धनबाद : नगर निगम के सभी सिटी मैनेजर यानी नगर प्रबंधकों का सेवा विस्तार अब उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। दिए गए लक्ष्य और मिल रहे वेतनमान के सापेक्ष यदि इनका काम संतोषजनक नहीं रहा तो सेवा विस्तार के लिए नगर निगम स्तर से नगर विकास विभाग को अनुशंसा नहीं की जाएगी। नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने इस बात की पुष्टि की है। उनका मानना है कि राजस्व बढ़ोतरी अभी सर्वोपरि है। पैसा नहीं होगा तो नागरिक सुविधाओं पर काम करना संभव नहीं हो पाएगा। ऐसे में सभी सिटी मैनेजर को लक्ष्य दे दिया गया है। सिर्फ यही नहीं जिस तरह नगर निगम क्षेत्र संचालन का जिम्मा नगर आयुक्त का है, ठीक उसी प्रकार संबंधित अंचल में नगर आयुक्त के बराबर पावर इन सिटी मैनेजर को दे दिया गया है। एक तरह से उस अंचल के नगर आयुक्त सिटी मैनेजर ही होंगे। बशर्ते सभी साफ-सफाई, टैक्स वसूली, ट्रेड लाइसेंस समेत सभी तरह की नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए राजस्व प्राप्ति करें। यह पहली बार है जब किसी नगर आयुक्त ने अंचल के सिटी मैनेजर सह कार्यपालक पदाधिकारियों को इतनी शक्ति प्रदान की है।
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झरिया-कतरास सबसे फिसड्डी
वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिए गए लक्ष्य प्राप्ति में झरिया और कतरास अंचल सबसे फिसड्डी रहे। इस वित्तीय वर्ष में झरिया को एक करोड़ 83 लाख 74 हजार 244 रुपये का लक्ष्य दिया गया था। अप्रैल से अगस्त तक पांच माह में झरिया मात्र 17 लाख 51 हजार 764 रुपये ही इकट्ठा कर पाया। इसी तरह कतरास अंचल को एक करोड़ 46 लाख 90 हजार 520 रुपये का लक्ष्य मिला। इसकी तुलना में कतरास 21 लाख सात हजार 70 रुपये का ही राजस्व प्राप्ति कर सका। धनबाद को 20 करोड़ 68 लाख का लक्ष्य दिया गया था, धनबाद अंचल सात करोड़ 7 लाख 90 हजार रुपये एकत्रित कर अन्य अंचल से बेहतर करने में सफल रहा।