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Mustard Oil Price: सरसों तेल का भाव हुआ ठंडा, इतने रुपये तक आया नीचे

Mustarad Oil Price सरसों के तेल में इस समय आग भड़की हुई है। पिछले एक सप्ताह के दाैरान 25 से 30 रुपये की वृद्धि हो गई है। अधिकतम 170 रुपये के भाव में प्रति लीटर सरसों के तेल बिक रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 10:40 AM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 06:55 PM (IST)
Mustard Oil Price: सरसों तेल का भाव हुआ ठंडा, इतने रुपये तक आया नीचे
धनबाद के बाजार में सरसों के तेल की कीमत ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। लगातार सरसों तेल की कीमतों में हो रही वृद्धि पर थोड़ी लगाम लगी है। आने वाले दाे दिनों के अंदर इसकी कीमतों में गिरावाट के संकेत मिले हैं। थोक खुदरा बाजार में 7400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिकने वाला सरसों इन दिनों 6900 रुपय प्रति क्विंटल पर पहुंचा है। ऐसे में सरसों तेल की कीमतों में कमी आने के संकेत मिल रहे हैं। धनबाद के खुदरा बाजार में फिलहाल 5 रुपये नीचे सरसों तेल आ गया है। 155 से 165 रुपये तक भाव है। आने वाले दिनों में धनबाद के बाजार में कीमत और कम होने के आसार हैं।

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एक साल में 50 से 75 रुपये की वृद्धि

वर्तमान में धनबाद के बाजार में विभिन्न ब्रांड के सरसों तेल की कीमत 162 रुपये प्रति लीटर से लेकर 170 रुपये प्रति लीटर तक है। बीते एक साल से इसकी कीमतों में 50 से 75 रुपये की वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 में लॉक डाउन होने से पहले इसकी कीमत 85 से 95 रुपये प्रति लीटर थी। कृषि बाजार समिति बरवाअड्डा में सरसों तेल का थोक कारोबार करने वाले और कृषि बाजार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बिनोद गुप्ता ने बताया कि शनिवार से पहले सरसों के थोक खुदरा मूल्य 7400 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब नीचे गिर कर 6900 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। ऐसे में दो दिनों के बाद धनबाद पहुंचने वाली खेप का सरसों तेल थोड़ा सस्ता होगा।

सरसों तेल के भाव में वृद्धि के कारण

गुप्ता के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से सरसों का निर्धारित मूल्य 4500 रुपये प्रति क्विंटल है। जबकि किसानों की ओर से इसे खुले बाजार में अधिक दाम पर बेचा जा रहा है। यही कारण है कि सरसों तेल के दामों में तेजी देखने को मिली थी। अब किसान अपने दर पर सरसों बेच रहे हैं। 

दक्षिण कोरिया और थाईलैंड ने की अधिक खरीदारी

गुप्ता ने बताया कि पिछले दिनों दक्षिण कोरिया और थाईलैंड ने व्यापक पैमाने पर सरसों की खरीदारी की थी। इस कारण भी दामों में तेजी देखने को मिली। फिलहाल यह स्थिति अब नहीं है।


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