सदका-ए-फितर के तौर पर 50 रुपये अदा करेंगे मुसलमान
रमजान का पावन महीना शुरू हो गया है। ऐसे में गरीबों के लिए भी रहम की बात रमजान में कही गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए वासेपुर स्थित मदरसा तेगिया अनवारूल उलूम में शुक्रवार को तंजीम अहले सुन्नत की बैठक हुई। बैठक में सदका-ए-फितर के तौर पर इस बार 50 रुपये प्रत्येक मुसलमान को देने की बात कही गई।
जागरण संवाददाता, धनबाद : रमजान का पावन महीना शुरू हो गया है। मुस्लिम समुदाय के लोग रोज रख पांचों वक्त की नमाज अदा कर रहे हैं। ऐसे में गरीबों के लिए भी रहम की बात रमजान में कही गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए वासेपुर स्थित मदरसा तेगिया अनवारूल उलूम में शुक्रवार को तंजीम अहले सुन्नत की बैठक हुई। बैठक में सदका-ए-फितर के तौर पर इस बार 50 रुपये प्रत्येक मुसलमान को देने की बात कही गई।
गेहूं की दर पर निर्धारित होता है सदका-ए-फितर : सदका-ए-फितर की राशि गेहूं के वर्तमान दर को ध्यान में रख कर निर्धारित की जाती है। बैठक में यह बताया गया कि इस साल औसत किस्म के गेंहू की कीमत 24 रुपये प्रति किलो है। इस दर से दो किलो 45 ग्राम गेंहू की कीमत 49 रुपये 10 पैसे होती है, इसलिए एहतियातन इस बार धनबाद के मुसलमान सदका-ए-फितर की रकम 50 रुपये अदा करेंगे। शरीयत के अनुसार यह बताया गया है कि हर मालिके नेसाब व्यक्ति को अपने और अपने परिवार की तरफ से सदका-ए-फितर के लिए दो किलो 45 ग्राम गेहूं या इसकी कीमत निकाल कर ईद उल फितर से पहले गरीबों, यतीमों, मदरसों और जरूरतमंदों को दिया जाता है।
हर मुसलमान का फर्ज है सदका-ए-फितर : ऑल इंडिया उलमा बोर्ड झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष हाजी जमीर आरिफ ने बताया कि नियम है कि ईद की नमाज से पहले प्रत्येक मुसलमान को सदका-ए-फितर अदा करना फर्ज है। ऐसा नहीं करने पर उनका रोजा कबूल नहीं होगा। उन्होंने बताया कि ईद से पहले यदि घर में किसी बच्चे का जन्म होता है तो भी उसके नाम से भी यह रकम अदा करनी चाहिए।