बिहार में सार्जेट मेजर बनी मुगमा की बेटी ऊषा, किया गया सम्मानित
मन में जुनून और धैर्य हो तो किसी भी मुकाम को हासिल करना बड़ी बात नहीं है। ये कहना है बिहार के सार्जेंट मेजर पद पर बहाल हुई मुगमा मोड़ की रहने वाली ऊषा कुमारी का।
मुगमा : मन में जुनून और धैर्य हो तो किसी भी मुकाम को हासिल करना बड़ी बात नहीं है। ये कहना है बिहार के सार्जेंट मेजर पद पर बहाल हुई मुगमा मोड़ की रहने वाली ऊषा कुमारी का। वे मंगलवार को मुगमा मोड़ पर आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थीं। ऊषा का कहना है कि मन में अगर इच्छा शक्ति हो तो कठिन से कठिन राह भी आसान बन जाती है। ऊषा ने उच्च विद्यालय मुगमा से वर्ष 1998 में मैट्रिक, वर्ष 2000 में बीएसके कालेज मैथन से विज्ञान में इंटर, वर्ष 2004 में स्नातक किया। इसके बाद आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण कुछ वर्षों तक पढ़ाई बाधित रही। बाद में 2014-16 में नालंदा विश्वविद्यालय से एमएससी किया। मां बाप के गुजरने के बाद भी नहीं मानी हार : ऊषा की मां का देहांत वर्ष 1998 और पिता परमेश्वर चौधरी का देहांत वर्ष 2007 में हो गया था। इसके बावजूद ऊषा ने हिम्मत नहीं हारी। ऊषा ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी बड़ी बहन लीला कुमारी व शिक्षकों को दिया है। उसकी बहन खटाल में दूध बेचकर ऊषा की हर जरूरतों को पूरा करती थीं। मुगमा मोड़ पर ऊषा को किया गया सम्मानित : इधर मुगमा मोड़ के युवकों, जिप सदस्य सीमा बाउरी व वृंदावनपुर पंचायत मुखिया विमल रवानी ने ऊषा कुमारी को फूलों का गुलदस्ता व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए जिप सदस्य ने कहा कि गौरव की बात है कि गरीबी में पली बढ़ी ऊषा ने बिहार सार्जेंट मेजर पद पर अपनी लगन व मेहनत के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। बधाई देने वालों में तपन बाउरी, सुरज यादव, धर्मेन्द्र यादव, गणेश कुमार, मिलन सिंह, गौतम कुमार, अखिलेश यादव, मंतोष कुमार, राहुल कुमार, संजय गुप्ता, शिक्षक रामसागर ठाकुर, अशोक केसरी आदि शामिल थे।