'कॉमर्शियल माइनिंग को लेकर हेमंत सरकार की नीयत में खोट, CM ने पहले बताया था बेहतर निर्णय' Dhanbad News
निजी क्षेत्रों को कोल ब्लॉक की नीलामी से होने वाली आय का सारा राजस्व सिर्फ राज्यों के ही हिस्से में आएगा। सिर्फ राज्य ही इस नीलामी से लाभन्वित होंगे।
धनबाद, जेएनएन। सांसद पीएन सिंह ने कॉमर्शियल माइनिंग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले कोल ब्लॉक की कॉमर्शियल माइनिंग की हिमायत की थी। इसे बेहतर निर्णय बताया था। लेकिन बाद में वे मुकर गए। उन्होंने मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। यह समझ से परे है। लगता है कि उनकी नीयत में ही खोट है।
भाजपा सांसद ने कहा कि सीएम कह रहे हैं कि लॉकडाउन में रकम ठीक नहीं मिलेगी। जबकि, सरकार पहले ही किसी नीलामी में न्यूनतम दर तय करती है। दर सही नहीं मिलने की स्थिति में नीलामी रद भी कर सकती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस योजना से राज्य सरकार को अच्छी खासी आय भी होने वाली है। हेमंत कहते हैं कि हमारे पास पैसा नहीं है। वे योजनाएं बंद कर रहे हैं। दूसरी तरफ आय के स्रोत को भी नकार रहे हैं। यह कहां की राजनीति है।
पहले से हो रही कॉमर्शियल माइनिंग : सांसद ने कहा कि कॉमर्शियल माइनिंग आउटसोर्सिंग के जरिए पहले से चल रही है। 80 फीसद कोयला का उत्पादन आउटसोर्सिंग से हो रहा है। नए प्रावधान में मात्र कोयला बेचने का भी अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में ट्रेड यूनियन नेता भी दिग्भ्रमित हैैं।
कोल इंडिया अपने ब्लॉक भी नहीं चला पा रही : सांसद ने कहा कि कोल इंडिया के पास पहले से जो ब्लॉक हैैं उन्हें नहीं चला पा रही। नये ब्लॉक क्या करेगी। भूतगढिय़ा खदान नहीं चला पाई तो टाटा कोलियरी को दे दिया। अमलाबाद खदान 30 साल से बंद पड़ा है। कहलगांव में खदान मिला तो उसे लौटा दिया। पर्वतपुर ब्लॉक का काम शुरू नहीं कर पाई। ऐसे में निजी क्षेत्रों को ब्लॉक देना कहां से गलत है। यह रोजगार और आय के स्रोत खोलेगा।
निजी ब्लॉकों की नीलामी से मिले राजस्व पर सिर्फ राज्यों का हक : गौरतलब है कि केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने राज्य के सभी सांसदों व पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को जानकारी दी है कि निजी क्षेत्रों को कोल ब्लॉक की नीलामी से होने वाली आय का सारा राजस्व सिर्फ राज्यों के ही हिस्से में आएगा। सिर्फ राज्य ही इस नीलामी से लाभन्वित होंगे। जोशी ने बुधवार को झारखंड के तमाम सांसदों के साथ वेबिनार किया था। इस दौरान सांसदों ने अपने इलाकों में अवैध उत्खनन व कॉमर्शियल माइनिंग पर केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया था।