Tablighi Jamaat: क्वारंटाइन तब्लीगी न घर के न घाट के... आवभगत करने वाले भी अब मोड़ रहे मुंह; जानिए
Tablighi Jamaat धनबाद सदर अस्पताल का बेड फुल है। क्वारंटाइन अवधि साप्त होने के बाद अब यहां रखना मुश्किल है। दूसरी तरफ अब मस्जिदों में तब्लीगियों को शरण देने को लोग रजामंद नही हैं।
धनबाद [ मोहन गोप ]। 'हैलो..., मैं सदर अस्पताल से डॉक्टर वीरेंद्र कुमार बोल रहा हूं। सिंदरी मस्जिद से तब्लीगी जमात के कुछ लोगों को लाकर कोरोना जांच की गई थी। सदर अस्पताल में क्वारंटाइन किया गया था। उनमें संक्रमण नहीं मिला है। क्वारंटाइन अवधि पूरी हो चुकी है। शारीरिक दूरी बनाकर इन लोगों को मस्जिद में ठहराया जा सकता है। इधर से मस्जिद कमेटी के प्रतिनिधि जवाब देते हैं- जनाब, मस्जिद के भीतर शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो पाएगा। माफ कीजिए।'
नए संदिग्ध मरीजों के कारण क्वारंटाइन सेंटरों में जगह नहीं
स्वास्थ्य विभाग और मस्जिद कमेटी के बीच यह संवाद बयां कर रहा है कि धर्म प्रचार के लिए देश-दुनिया के आए तब्लीगी जमात के लोग न घर के रहे, न घाट के। धनबाद सदर अस्पताल का बेड फुल है। क्वारंटाइन अवधि साप्त होने के बाद अब यहां रखना मुश्किल है क्योंकि नए मरीज आ रहे हैं। दूसरी तरफ मस्जिदों में उन्हें रखने को लोग रजामंद नहीं। प्रशासन ने शनिवार को बाबूडीह के सरकारी भवन में ठहराना चाहा तो वहां के वाशिंदे विरोध में उतर आए। उन लोगों को वापस सदर अस्पताल लाया गया। फिर से अस्पताल के 50 बेड भर चुके हैं। बेड खाली हो तो और संदिग्ध लोगों को वहां क्वारंटाइन किया जा सकेगा। अब स्वास्थ्य महकमे के अफसर बार-बार आला अफसरों से अनुरोध कर रहे हैं कि सदर अस्पताल को तब्लीगी से खाली कराइए। निरसा, गोविंदपुर, सिंदरी, पांडरपाला समेत कई मस्जिदों से तब्लीगी जमात के लोग इस माह के शुरू में पकड़े गए थे।
अपने गांव गए तो वहां भी खदेड़े गए
मामला ये है कि पुरुलिया (बंगाल) से तब्लीगी जमात के दस लोग धनबाद आए थे। लॉकडाउन हो गया तो मस्जिद में ठिकाना ले लिया। प्रशासन को पता चला तो मस्जिद से लाकर सदर अस्पताल में क्वारंटाइन किया गया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस से वापस पुरुलिया भेजा मगर गांव के लोगों ने भी उन्हें घुसने नहीं दिया। हारकर उन्हें फिर अस्पताल आना पड़ा।
अधिकतर तब्लीगी उप्र के
धनबाद में और भी तब्लीगी पकड़े गए हैं। इनमें अधिकतर उप्र के हैं। कुछ मप्र से भी हैं। मऊ के नियाज अहमद, महमूद, मोहम्मद सलाउद्दीन अंसारी, एस अंसारी समेत कई लोग यहां हैं। बुलंदशहर के भी तब्लीगी सदर अस्पताल में हैं क्योंकि उनके लिए कोई और जगह नहीं है। लॉकडाउन में उन्हें अपने-अपने घर जाने के लिए छोड़ा भी नहीं जा सकता।
दस विदेशी तब्लीगियों को भेजे गए जेल
लॉकडाउन के दाैरान धनबाद जिले के गोविंदपुर की एक मस्जिद से दस इंडोनेशियाई तब्लीगी पकड़े गए थे। इनकी क्वारंटाइन अवधि समाप्त होने के बाग रविवार को पुलिस ने धनबाद जेल भेज दिया। इन सब पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप है। ये सभी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे। यहां मस्जिदों में छुप-छुप कर धर्म का प्रचार कर रहे थे।
सदर अस्पताल में तब्लीगी जमात से जुड़े 60 लोग हैं। वे मस्जिदों से लाए गए थे। अब उन मस्जिदों के लोग इन्हें रखने को तैयार नहीं। मस्जिद कमेटी के लोगों से सहयोग की अपील की गई है।
-डॉक्टर विजेंद्र कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल, धनबाद