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जेल में पड़ा छापा तो छुप गए सारे सिमकार्ड, पुलिस के हाथ लगे सिर्फ एक मोबाइल

जेल के अंदर बंद अपराधी मोबाइल फोन के माध्यम से अपना धंधा चलाते हैं। अंदर से ही लोगों को धमकाते हैं और रंगदारी मांगते हैं। हत्या का फरमान भी जारी करने से गुरेज नहीं करते।

By mritunjayEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 10:46 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 10:46 AM (IST)
जेल में पड़ा छापा तो छुप गए सारे सिमकार्ड, पुलिस के हाथ लगे सिर्फ एक मोबाइल
जेल में पड़ा छापा तो छुप गए सारे सिमकार्ड, पुलिस के हाथ लगे सिर्फ एक मोबाइल

धनबाद, जेएनएन। जैसा कि हर बार होता है बुधवार की रात भी हुआ। पुलिस ने धनबाद जेल में छापामारी की तो मोबाइल फोन तो पुलिस के हाथ लगे लेकिन सिमकार्ड गायब थे। इस दौरान जेल के वार्ड नंबर पांच से पुलिस को एक कैंची और खैनी की कुछ चुनौटी भी मिले। पहली बार ऐसा हुआ  कि जेल में छापेमारी के दौरान पुलिस को मोबाइल हाथ लगा। इससे पूर्व जब भी पुलिस प्रशासन ने मंडल कारा में सर्च आपरेशन किया, पुलिस को खैनी सिगरेट गांजा के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा था। जो मोबाइल पुलिस को वार्ड नंबर पांच में मिला, उसमें कोई सिमकार्ड नहीं था। 

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पुलिस की छापेमारी होते देख कोई बंदी मोबाइल को वार्ड नंबर पांच में ही एक कोने में फेंक दिया था, जिसमें दंडाधिकारी व बैंकमोड़ थाने के एक एएसआई ने जब्त किया। पुलिस मोबाइल से ही उसमें लगे सिमकार्ड के मालिक का पता लगाएगी। मालूम हो कि धनबाद जेल से रंगदारी मांगने का खेल वर्षो पुराना है। जेल से ही गैंग्स ऑफ वासेपुर के गुर्गो ने झाविमो नेता रंजीत सिंह की हत्या तक कराया है। एसएसपी किशोर कौशल के मॉनीटरिंग में सिटी एसपी पीयूष पांडे व धनबाद सीओ प्रकाश कुमार के नेतृत्व में छापेमारी हुई जिसमें दंडाधिकारी के अलावा डीएसपी विधि व्यवस्था मुकेश कुमार व कई थानेदार व सिपाही शामिल थे। टीम रात साढ़े 11 बजे जेल में घुसी थी जो तकरीबन दो घंटे के बाद जेल से बाहर आई। रात में जैसे ही जेल गेट का मुख्य दरबाजा खुला  जेल के अंदर खलबली मच गई। पुलिस के पहुंचने के बाद जेल में बंदियों की सक्रियता काफी बढ़ गई थी। सारे बंदी देर रात तक जगे हुए थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने विधायक संजीव सिंह के वार्ड भी चेक किया। लेकिन वहां कोई आपत्तिजनक वस्तु पुलिस के हाथ नहीं लगे। तकरीबन ढाई घंटे की चेकिंग में पुलिस ने गैंग्स ऑफ वासेपुर के सदस्य जिस वार्ड में रह रहे हैं उन सभी वार्डो को खंगाला।  

सूत्रों के अनुसार जेल के अंदर बंद अपराधी मोबाइल फोन के माध्यम से अपना धंधा चलाते हैं। अंदर से ही लोगों को धमकाते हैं और रंगदारी मांगते हैं। रंगदारी नहीं मिलने पर हत्या का फरमान जारी करने से भी गुरेज नहीं करते। इसके लिए अपराधी अलग-अलग सिमकार्ड का प्रयोग करते हैं। लेकिन, पुलिस जब भी छामा मारती है तो सिमकार्ड छुपा दिए जाते हैं। बुधवार की रात भी ऐसा ही हुआ। 


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