Move to Jagran APP

कोरोना संकट में वेंटिलेटर के लिए झामुमो विधायक ने दिए 10 लाख, PMCH अधीक्षक के जवाब ने चौकाया Dhanbad News

टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद ने पीएमसीएच को 10 लाख रुपये देने की सिफारिश की ताकि वेंटीलेटर खरीदा जा सके। लेकिन अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि और वेंटीलेटर की जरूरत नहीं है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 05:01 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 05:01 PM (IST)
कोरोना संकट में वेंटिलेटर के लिए झामुमो विधायक ने दिए 10 लाख, PMCH अधीक्षक के जवाब ने चौकाया Dhanbad News
कोरोना संकट में वेंटिलेटर के लिए झामुमो विधायक ने दिए 10 लाख, PMCH अधीक्षक के जवाब ने चौकाया Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। झामुमो विधायक दल के सचेतक मथुरा प्रसाद महतो ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए पीएमसीएच को 10 लाख रुपये देने की सिफारिश की, ताकि वहां वेंटीलेटर खरीदा जा सके और अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों के इलाज में मदद हो सके। लेकिन, चौकाने वाली बात यह है कि पीएमसीएच अधीक्षक ने जिला प्रशासन को यह बताया है कि अस्पताल में और वेंटीलेटर की जरूरत नहीं है। बता दें कि राज्य के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में वर्तमान समय में केवल दो वेंटिलेटर हैं।

loksabha election banner

कोरोनी महामारी फैला तो सबसे पहले यह बात संज्ञान में आई कि मरीजों की हालत गंभीर होने पर उन्हें मृत्यु से बचाने के लिए वेंटिलेटर सबसे अधिक आवश्यक है। यही वजह है कि टुंडी के झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने पीएमसीएच में दो वेंटीलेटर खरीदने के लिए अनुशंसा कर दी। उप-विकास आयुक्त बाल किशुन मुंडा ने वेंटिलेटर खरीदने के लिए विधायक की अनुशंसा के बाबत पीएमसीएच के अधीक्षक को अवगत कराया। उप विकास आयुक्त के इसी पत्र का जवाब देते हुए पीएमसीएच अधीक्षक ने लिखा कि अभी अस्पताल में और वेंटिलेटर नहीं चाहिए।

पीएमसीएच अधीक्षक के इस जवाब से सभी हैरान है। यहां बताना जरूरी है कि कोरोना वायरस से संक्रमित किसी मरीज की हालत गंभीर होने की स्थिति में वेंटिलेटर वरदान साबित हो सकता है। इसके नहीं रहने पर किसी की जान भी जा सकती है। कोरोना काल में वेंटिलेटर एक अत्यंत ही आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत में कार कंपनियां (महिंद्रा, मारुति और रिलायंस) भी वेंटिलेटर बनाने में जुट गईं हैं, ताकि मुश्किल वक्त में ये देश के काम आ सके और इसके अभाव में एक भी मरीज की जान न जाए। 

वेंटिलेटर है क्या : सरल भाषा में कहें तो वेंटिलेटर एक मशीन है। यह उन मरीजों की जिंदगी बचाती है, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है, या खुद सांस नहीं ले पाते हैं। अक्सर बीमारी के कारण मरीज का फेफड़ा अपना काम नहीं कर पाता हैं। ऐसे में वेंटिलेटर के सपोर्ट से सांस लेने की प्रक्रिया को संभाला जाता है। इस बीच इलाज के जरिए डॉक्टर फेफड़ों को दोबारा काम करने लायक बनाते हैं। यह काफी महंगा आता है जिसकी कीमत पांच से 10 लाख रुपये होती है। हालांकि महिंद्रा का दावा है कि

कोरोना मरीज के लिए क्यों जरूरी है वेंटिलेटर : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कोरोना संक्रमित 80 फीसद मरीज अस्पताल गए बिना ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन छ: में से एक मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। उसे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। ऐसे में वायरस मरीज के फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। फेफड़ों में पानी भर जाता है, जिससे सांस लेना बहुत मुश्किल होती है। मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसलिए वेंटिलेटर्स की आवश्यकता होती है। इसके जरिए मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को समान्य बनाया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.