घोषित न्यूनतम मजदूरी का HURL के मजदूरों को नहीं मिल रहा लाभ, विधायक ने पूर्व मुख्यमंत्री को कराया अवगत Dhanbad News
कारखाना निर्माण में कार्यरत मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं देने की विस्तृत जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी को दी है। विधायक ने बताया कि मजदूरों का काफी शोषण हो रहा है।
धनबाद, जेएनएन। सिंदरी (Sindri) में HURL (Hindustan Urvarak and Rasayan LTD) खाद कारखाना का निर्माण कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मई, 2018 को इस खाद कारखाना का शिलान्यास किया था। कारखाना में काम करने वाले अस्थायी मजदूरों के लिए HURL प्रबंधन ने न्यूनतम मजदूरी और काम के घंटे निर्धारित कर रखे हैं। लेकिन इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। इस मुद्दे को लेकर सिंदरी के विधायक इंद्रजीत महतो ने झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के साथ विचार-विमर्श किया है। साथ ही मरांडी से हस्तक्षेप करने की मांग की।
विधायक महतो ने हर्ल कारखाना निर्माण में कार्यरत मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं देने से संबंधित विस्तृत जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी को दी है। विधायक ने बताया कि हर्ल में मजदूरों के साथ काफी शोषण हो रहा है। मजदूरों को डरा- धमका कर 8 घंटे की जगह 12 घंटे तक काम करवाया जा रहा है और मजदूरी के तौर पर मात्र 270 रुपये भुगतन किया जाता है। सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी नहीं देना एक गंभीर अपराध है। निर्धारित समय से ज्यादा काम के लिए बाध्य करना और न्यूनतम पारिश्रमिक से वंचित रखना नैसर्गिक न्याय के प्रतिकूल है। यह सीधे मजदूरों व उनके परिवारजनों के पेट पर प्रहार है। इस पूरे प्रकरण के लिए हर्ल प्रबंधन सीधे जिम्मेवार है।
स्थानीय मजदूरों को काम देने की वकालत
पूर्व मुख्यमंत्री को विधायक ने बताया कि बिचौलियों के माध्यम से हर्ल प्रबंधन हर स्तर पर भ्रष्टाचार को प्रश्रय दे रहा है। अकुशल मजदूर स्थानीय मजदूर होने चाहिए लेकिन प्रबंधन और संवेदक अपने निहित स्वार्थ के लिए हजारों की तदाद में बाहर के राज्यों से मजदूरों को बुला कर काम करा रहे हैं। पूरे मामले को विधायक दल के नेता मरांडी ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि मजदूरों के साथ अन्याय किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मजदूरों से बारह घंटे तक काम करवाना और न्यूनतम पारिश्रमिक से भी वंचित रखना न केवल गैर कानूनी है बल्कि अमानवीय भी है। हर्ल प्रबंधन को अविलंब न्यूनतम मजदूरी देना सुनिश्चित करना चाहिए। मरांडी ने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को लेकर वह केंद्र औ राज्य सरकार के साथ बात करेंगे।