न्यूनतम ऑटो भाड़ा अब 6 रुपये, रूट तय होने के बाद लागू होगी बढ़ोत्तरी
ऑटो चालकों और यात्रियों के बीच रोजाना के विवाद को देखते हुए मंगलवार को एसडीएम अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में त्रिपक्षीय बैठक हुई।
जागरण संवाददाता, धनबाद: ऑटो भाड़ा निर्धारण अभी भी अंतिम रूप से तय नहीं हो पाया है। ऑटो चालकों और यात्रियों के बीच रोजाना के विवाद को देखते हुए मंगलवार को एसडीएम अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में त्रिपक्षीय बैठक हुई। बैठक में न्यूनतम भाड़ा 6 रुपये तय करने पर सहमति बनी। वैसे अंतिम तौर पर भाड़ा का निर्धारण रूट तय होने के बाद होगा।
पेट्रोल-डीजल के मूल्य में वृद्धि और नगर निगम द्वारा वाहन पड़ावों पर वसूली शुरू किए जाने के मद्देनजर ऑटो चालकों ने किराया वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल की थी। इसके बाद 2 जून को हुई बैठक में न्यूनतम किराया 7 रुपये और लंबी दूरी के किराए में 30 प्रतिशत वृद्धि पर सहमति बनी थी। इसका यात्रियों ने विरोध किया था। इसके बाद उपायुक्त ने न्यूनतम किराया पांच रुपये करने का निर्देश दिया था। इस बीच किराया को लेकर यात्रियों और ऑटो चालकों के बीच हो रही मारपीट की छिटपुट घटनाओं के मद्देनजर एसडीएम ने मंगलवार को समीक्षा बैठक की। बैठक में एसडीएम ने न्यूनतम भाड़ा पांच रुपये ही रखने पर जोर दिया। इसपर विवाद हो गया। ऑटो चालकों के प्रतिनिधि बैठक का बहिष्कार कर निकल गए। शाम में दोबारा बैठक हुई, जिसमें बीच का रास्ता निकालते हुए न्यूनतम भाड़ा 6 रुपये करने पर सहमति बनी।
बैठक में एडीएम विधि व्यवस्था राकेश कुमार, ऑटो यूनियन के सदस्य, छात्र प्रतिनिधि अजय कुमार, शिवरंजन सिंह, रतिलाल महतो, अमर पासवान राजेश महतो, गोपाल प्रसाद, लक्ष्मी प्रसाद, राजा प्रमोद कुमार, आशीष कुमार, छोटू मास्टर उपस्थित मौजूद थे।
न्यूनतम भाड़ा पर आमने-सामने हुए यूनियन व यात्री प्रतिनिधि: ऑटो संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि न्यूनतम भाड़ा सात रुपये जब पहले तय कर दिया गया तो उसमें बदलाव नहीं होना चाहिए। आम यात्री की तरफ से अगुवाई कर रहे अजय कुमार, शिव रंजन सिंह आदि लोगों ने कहा कि न्यूनतम भाड़ा बढ़ाना गलत है। न्यूनतम भाड़ा पांच रुपये ही रखा जाना चाहिए। ऑटो संचालक आम लोगों के साथ-साथ छात्रों को सहयोग करें चूंकि कम दूरी में ही स्कूल, चिकित्सालय, सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय मौजूद हैं। ऐसे में न्यूनतम भाड़ा बढ़ने से काफी परेशानी हो जाएगी। छात्र-छात्राओं पर अनावश्यक रूप से अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
आपस में ही हो गया विवाद: लोकल भाड़ा में बढ़ोतरी पर सहमति का पूरा प्रयास किया गया, लेकिन सेवा दल के सुनील सिंह के साथ-साथ यूनियन के अडि़यल रुख के कारण बात नहीं बन पाई। बैठक में आम जनता, छात्र नेता, अधिवक्ता, पब्लिक प्रतिनिधि, आजसू पार्टी, अखिल झारखंड कोयला श्रमिक संघ सह ऑटो मालिक संघ ने उपायुक्त द्वारा निर्धारित किया गया न्यूनतम (लोकल) किराया 5 रुपये ही रखने पर ही जोर दिया।
अब रूट तय कर होगी बैठक: एसडीओ अनन्य मित्तल ने कहा कि न्यूनतम भाड़ा छह रुपया रहेगा। लंबी दूरी पर 25 फीसदी की बढ़ोतरी सभी की सहमति के बाद होगी और तभी पत्र जारी किया जाएगा। अब भाड़ा का निर्धारण नया रूट तय करने के बाद ही किया जाएगा। यह भी कहा कि परिवहन विभाग का जो मापदंड है, उसका पालन ऑटो संचालकों को हर हाल में करना होगा। प्रशासन इस पर कड़ाई से नजर रखेगी।
रांगाटांड़ में चार घंटे का पड़ाव शुल्क 5 रुपये: बैठक में नगर निगम द्वारा रांगाटांड में वाहन पड़ाव के नाम पर ऑटो चालकों से 12 घंटे के एवज में 15 रुपये वसूलने पर विचार-विमर्श किया गया। एसडीएम ने नई व्यवस्था के तहत 4 घंटे के लिए 5 रुपये वसूलने का निर्देश दिया।