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Migrant labour: पहले लॉकडाउन से हुए बदहाल, अब अफवाह से हलकान; काम छोड़ लाैट रहे घर

ट्रेन के कामगारों के लिए जलपान का बंदोबस्त किया गया था। हालांकि संख्या अधिक होने के कारण खाना घट गया। ले जाने के लिए एक साथ बसें नहीं आने से धक्का-मुक्की भी करनी पड़ी।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 07:24 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 07:24 AM (IST)
Migrant labour: पहले लॉकडाउन से हुए बदहाल, अब अफवाह से हलकान; काम छोड़ लाैट रहे घर
Migrant labour: पहले लॉकडाउन से हुए बदहाल, अब अफवाह से हलकान; काम छोड़ लाैट रहे घर

धनबाद, जेएनएन। अभी छह महीने पहले ही हमलोग कालका गए थे। वहां दवा कंपनी में पैकिंग का काम मिल गया था। जब मार्च में लॉकडाउन हुआ तो काम बंद हो गया। पैसे भी नहीं मिले थे। जैसे-तैसे दिन काटे। एक-एक दिन एक-एक साल जैसा था। फिर जब एक जून को कंपनी खुली और काम मिल गया तो वहां फिर काम करने लगे। लेकिन पता चला कि फिर लॉक डाउन होनेवाला है। इसलिए डर से काम छोड़ कर चले आए। यह दास्तान है पाकुड़ के बाबूलाल की। वह कालका की किसी दवा कंपनी में मजदूरी करता था। उसके साथ पाकुड़ समेत झारखंड के कई अन्य जिलों के कामगार भी वहां काम कर रहे थे। इनमें पुरुषों के साथ महिलाएं भी थीं। दोबारा लॉक डाउन की दहशत के मारे सभी काम छोड़ घर लौट गए हैं। महिला कामगारों का कहना था कि अब अपने घर के आसपास मजदूरी करेंगे। जरुरत पड़ी तो खेतों में काम कर लेंगे पर बाहर नहीं जाएंगे। 

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फिर लॉकडाउन होगा सुना तो शौहर को छोड़ लौटी अपने घर  

जानते ही हैं गांव में खेती के सिवाय दूसरा काम नहीं होता। न काम था और अपनी जमीन। इसलिए मेरे शौहर परदेस चले गये। वहां थर्माकोल बनाने की फैक्ट्री में काम मिला है। काफी वक्त गुजरने के बाद मैं उनसे मिलने कालका गई थी। जिस दिन पहुंची उसी दिन लॉकडाउन हो गया। उसके बाद से वहीं अटकी रही। घर पर एक बेटे को रिश्तेदार के पास छोड़ गई थी। उसे लेकर काफी फिक्र हो रही थी। एक जून को लॉक डाउन खुलने के बाद जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही थी। तभी एकाएक खबर मिली कि फिर लॉकडाउन होनेवाला है। अब सच है या झूठ पता नहीं पर जैसे ही सुना ट्रेन में बैठी और चली आई। यह कहानी है साहिबगंज के अफसर शेख की पत्नी सकीला बीवी की। दोबारा लॉक डाउन की दहशत ऐसी कि अपने पति को छोड़ घर लौट आई हैं। 

ट्विटर पर 1015, रेलवे की लिस्ट में 608 और जिला प्रशासन ने गिने 513

कालका से धनबाद आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार कामगारों की संख्या को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। अंबाला के डीआरएम ने ट्विटर पर 1015 कामगारों के आने की सूचना जारी की है। रेलवे ने 608 के आने की सूचना दी। अधर जिला प्रशासन ने धनबाद के 149 समेत 513 कामगारों के आने से जुड़ी सूचना जारी की है। 

किस-किस जिले के आए कामगार

धनबाद, बोकारो, चतरा, देवघर, पाकुड, साहिबगंज, दुमका, गिरिडीह, गढ़वा, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, रांची, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम। 

घट गया खाना, बस पर चढऩे को धक्का-मुक्की  

शाम के तकरीबन पांच बजे आई ट्रेन के कामगारों के लिए जलपान का बंदोबस्त किया गया था। हालांकि संख्या अधिक होने के कारण खाना घट गया। गोल्फ ग्राउंड तक ले जाने के लिए एक साथ बसें नहीं आने से धक्का-मुक्की भी करनी पड़ी। इधर, जिला प्रशासन ने 23 बसें उपलब्ध कराने का दावा किया। 


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