कोयले से मेथेनॉल बनाने को नवंबर से चालू होगा प्लांट, नीति आयोग के टास्क पर सिंफर वैज्ञानिकों ने की पहल Dhanbad News
डिगवाडीह प्लांट में प्रतिदिन 1.5 टन कोयले से मेथनॉल बनाया जाएगा। नीति आयोग ने कोयले से मेथनॉल बनाने को लेकर टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें सिंफर के निदेशक भी शामिल हैं।
धनबाद, जेएनएन। केंद्रीय खनन अनुसंधान संस्थान सिंफर के वैज्ञानिक कोयले से मेथनॉल बनाएंगे। सिंफर के डिगवाडीह कैंपस में नवंबर से कोयले से मेथनॉल बनाने का प्लांट चालू हो जाएगा। ये बातें निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने कही। उन्होंने बताया कि डिगवाडीह प्लांट में प्रतिदिन 1.5 टन कोयले से मेथनॉल बनाया जाएगा। नीति आयोग ने कोयले से मेथनॉल बनाने को लेकर टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें सिंफर के निदेशक खुद भी शामिल हैं।
धनबाद के पर्यावरण प्रदूषण पर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान इसमें 54 फीसद की गिरावट आई है। पर्यावरण के साथ पानी भी शुद्ध हो गया है। प्रकृति अपने पुराने दिनों की ओर लौट गई है, जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है। ऊर्जा के वैकल्पिक श्रोतों पर उन्होंने कहा कि भारत उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। विकसित देशों की तुलना में भारत में कोयले की पर कैपिटा खपत आठ गुना कम है। हरित ऊर्जा के विकल्पों की तलाश के साथ कोयले का उपयोग अभी जारी रहेगा।
सिंफर निदेशक ने इस दौरान संस्थान परिसर में पौधे भी लगाए। कहा कि पांच जून 2020 से चार जून 2021 तक ढाई हजार पौधे लगाए जाएंगे। वैज्ञानिक और कर्मचारियों के साथ परिवार के हर सदस्य को दो-दो पौधे लगाने का आग्रह किया गया है। उन पौधों की देखभाल भी वही करेंगे। मौके पर डॉ. सिद्धार्थ सिंह, डॉ. डीबी सिंह समेत अन्य मौजूद थे।