Acid Attack: इलाज से मुकर नहीं सकते निजी अस्पताल, हाई कोर्ट रांची के आदेश पर गाइडलाइन जारी Dhanbad News
हाई कोर्ट रांची ने सोनाली मुखर्जी बनाम झारखंड सरकार के एक मामले में सरकार को कार्रवाई करने निर्देश दिया है। इसके बाद राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी की है।
धनबाद, जेएनएन। एसिड पीड़ितों के इलाज करने से निजी अस्पतालों का मुकरना अब आसान नहीं होगा। ऐसे अस्पतालों पर सरकार केस करेगी। हाई कोर्ट ने सोनाली मुखर्जी बनाम राज्य सरकार के एक मामले में सरकार को कार्रवाई करने निर्देश दिया है। जिसके बाद सरकार के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने धनबाद सहित सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र भेजकर इसका पालन करने को कहा है।
घटना के बाद पीड़ित को अस्पताल में आने पर भर्ती करना और उसके लिए भोजन, दवा व बेड की व्यवस्था करनी होगी। पैसे के लिए इलाज रोका नहीं जा सकेगा। इलाज से मुकरने वाले अस्पतालों पर धारा 357 (सी) के तहत केस होगा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद रेस हुई सरकार धनबाद की एसिड पीड़िता सोनाली मुखर्जी बनाम राज्य के दायर मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह आदेश पारित किया है। इसके मद्देनजर सरकार ने तत्काल सभी जिलों के सिविल सर्जन को इसका पालन करने के लिए नोडल अधिकारी बनाया है। सोनाली अपने साथ हुए अन्याय व अस्पताल की अनदेखी की भी जानकारी कोर्ट को दी है। जिसके बाद कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए इस पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
इच्छा मृत्यु की सरकार से की थी मांग: 23 अप्रैल 2003 को धनबाद के भेलाटाड़ स्थित आवास के पास तीन लड़कों ने सोनाली पर एसिड अटैक किया था। इससे पीड़िता का चेहरा समेत कई अंग बुरी तरह झुलस गया थे। पीड़िता मूल रूप से बोकारो जिले की रहने वाली है। घटना के बाद पीड़िता का धनबाद, बोकारो से लेकर देश के कई अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इलाज के दौरान पीड़िता को काफी परेशानी का सामाना करना पड़ा था। बेटी के इलाज के लिए पिता ने अपनी पुश्तैनी जमीन तक बेच दी। इसके बाद 2012 में सोनाली ने इच्छा मृत्यु की माग की थी। राष्ट्रीय स्तर पर मामला जाने के बाद पीड़िता का इलाज हुआ था। जिसके बाद मामले को लेकर पीड़िता कोर्ट गई जहां कोर्ट ने राज्य सरकार को यह आदेश दिया है। फिलहाल सोनाली बनाम राज्य का एक मामला कोर्ट में चल रहा है।