SAIL: ऑक्सीजन सप्लाई कर कर्मचारियों-अधिकारियों ने दिखाया अपना दम, अब वेतन समझौते के लिए मंत्री से गुजारिश
SAIL सेल में मई 2017 से वेतन समझौता लंबित है। इस मुद्दे पर कई दाैर की वार्ता विफल हो चुकी है। सेल चेयरमैन सोमा मंडल ने अप्रैल में ही वेतन समझौता करने की घोषणा की थी। अब सेफी ने केंद्रीय स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से समझौते की अपील की है।
बोकारो, जेएनएन। महारत्न कंपनी Steel Authority of India Limited (SAIL) में वेतन पुनरीक्षण का मामला इस्पात मंत्रालय तक पहुंच गया है। अधिकारियों का संगठन सेफी ने शुक्रवार को केंद्रीय इस्पातमंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिख कर कर्मचारी व अधिकारी दोनों का पे रिवीजन एक साथ कराने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि कंपनी साल 2020-21 में लगभग छह हजार करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित की है। इतना ही नहीं कोरोना काल के इस विषम परिस्थिति में कर्मचारी-अधिकारी एकजुट होकर देश में ऑक्सीजन मुहैया कराने का काम कर रहे है। बावजूद इसके पे रिवीजन कई साल से लंबित है। इसलिए मंत्रालय अपने स्तर से हस्तक्षेप कर मामले का पटाक्षेप कराएं।
सेल में मई 17 से पे रिवीजन लंबित
सेफी ने साफ किया है की बीते 18 मई को एनजेसीएस की बैठक में कर्मचारियों के पे रिवीजन पर कोई निर्णय नही हो सका। इसलिए दोबारा 24 मई को फिर से श्रमिक संगठन व प्रबंधन के बीच मसले पर वार्ता होने वाली है। यदि इस दिन की वार्ता भी दोनों पक्ष के बीच बेनतीजा साबित होती है तो प्रबंधन डीपीई के गाइडलाइन के अनुसार अफसरों के पे रिवीजन पर अपनी सहमति प्रदान कर दे। जिससे मामले पर आगे की प्रक्रिया के लिए 31 मई की बोर्ड मीटिंग में रिवीजन का प्रस्ताव पास हो जाए। सेल में अधिकारी व कर्मचारी दोनों का रिवीजन एक जनवरी 2017 से लंबित है।
सेल में पे रिवीजन को लेकर केंद्रीय इस्पातमंत्री को पत्र लिखे है। मौजूदा हालात को देखते हुए हमने अधिकारी-कर्मचारी दोनों का रिवीजन एक साथ करने की मांग की है। इस्पातमंत्री ने सेल अध्यक्ष से बात कर ली है। फैसला जल्द आएगा।
-विमल कुमार विशी, महासचिव, सेफी ।