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टाटा की वाशरी में खलासी की मौत छिपाने पर प्रबंधन सख्त, जीएम समेत छह नपे

विजिलेंस जांच के बाद टाटा स्टील के शीर्ष प्रबंधन के दबाव में कोल जीएम संजय सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ और पांच अधिकारियों को भी नौकरी से त्याग पत्र देना पड़ा है।

By mritunjayEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 01 Jun 2019 01:37 PM (IST)
टाटा की वाशरी में खलासी की मौत छिपाने पर प्रबंधन सख्त, जीएम समेत छह नपे

धनबाद, अश्विनी रघुवंशी। टाटा स्टील के सिजुआ कोल ग्रुप की भेलाटांड़ वाशरी के भीतर दुर्घटना में खलासी की मौत की बात शीर्ष प्रबंधन से छिपाने के आरोप में छह अफसरों पर गाज गिरी है। विजिलेंस जांच के बाद टाटा स्टील के शीर्ष प्रबंधन के दबाव में कोल जीएम संजय सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ और पांच अधिकारियों को भी नौकरी से त्याग पत्र देना पड़ा है।

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इस मसले पर टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (रॉ मैटेरियल) अरुण मिश्रा और उपाध्यक्ष (सेफ्टी) संजीव पॉल ने भी जांच की थी। मिश्रा की जांच में यह बात आई थी कि दुर्घटना वाशरी के बाहर हुई थी। चार स्तर पर जांच के बाद टाटा स्टील प्रबंधन ने विजिलेंस जांच कराई। लंबी पड़ताल के बाद साफ हुआ था कि 2 मई को भेलाटांड़ वाशरी की पार्किंग में हाइवा को पीछे करने के दौरान उसके नीचे सोये खलासी राजेश ठाकुर उर्फ तूफानी की कुचलने से मौत हुई थी जबकि अफसरों ने कंपनी प्रबंधन को जानकारी दी थी कि यह दुर्घटना परिसर के बाहर हुई है। शीर्ष प्रबंधन से सही तथ्य छिपाने के आरोप में छह अफसरों से त्याग पत्र ले लिया गया। इस मसले पर विजिलेंस जांच प्रगति पर है।

दरअसल, टाटा स्टील की भेलाटांड़ वाशरी में बीसीसीएल से कोयला आता है। नरेश कुमार एंड कंपनी को कोयला ढुलाई का काम मिला हुआ है। इसके लिए कंपनी अलग-अलग ट्रांसपोर्टर से गाडिय़ां लेती है। 2 मई को यूनिवर्सल रोडवेज के हाइवा से भेलाटांड़ वाशरी में कोयला आया था। तड़के साढ़े तीन बजे हाइवा को पीछे करने में खलासी की मौत का हल्ला हुआ। खलासी के परिजनों को मुआवजा दिया गया। समझौता पत्र में भेलाटांड़ वाशरी के बाहर सड़क पर दुर्घटना होने की बात लिखी हुई है। टाटा स्टील के कोल डिपार्टमेंट से जमशेदपुर मुख्यालय को सूचना दी गई कि वाशरी के बाहर दुर्घटना में मौत हुई।

शीर्ष प्रबंधन से शिकायत की गई थी कि सत्य छिपाया गया : दुर्घटना के बाद किसी ने टाटा स्टील प्रबंधन से शिकायत की कि दुर्घटना के बाबत सत्य को छिपाया गया है। इस बात को कंपनी प्रबंधन ने गंभीरता से लिया। सबसे पहले टाटा स्टील के जमशेदपुर कारखाना में एलडी थ्री चीफ राजेश कुमार और प्रोसेस सेफ्टी चीफ अमित कुमार सिंह ने आकर जांच की। सभी संबंधित लोगों का बयान लिया। फिर अरुण मिश्रा ने जांच की। उसके बाद रॉ मेटेरियल के सेफ्टी हेड अगम कुमार ने अपने स्तर से जांच की। संजीव पॉल ने भी जांच की कार्रवाई पूरी की। सभी जांच में कंपनी अधिकारियों से कहा गया कि दुर्घटना भेलाटांड़ वाशरी के बाहर हुई है।

इसके बाद विजिलेंस जांच शुरू हुई। हाइवा चालक, मृत खलासी को अस्पताल ले जाने वाले एंबुलेंस चालक समेत कई लोगों से पूछताछ हुई। फिर जमशेदपुर बुलाकर कई दिनों तक सख्ती की गई।

इन्हें भी छोडऩी पड़ी नौकरी

- सिजुआ ग्रुप चीफ रजनीश जैन

- भेलाटांड़ कोल प्रीपरेशन प्लांट हेड एमपी सिन्हा

- झरिया कोलियरी डिवीजन के सेफ्टी हेड राजीव रमण

- कोल सिक्योरिटी हेड मनोज कुमार सिंह

- झरिया डिवीजन के सीनियर सिक्योरिटी मैनेजर सुशील मिश्रा

टाटा स्टील के कोल डिवीजन के कुछ अफसरों को दूसरी कंपनियों में बेहतर अवसर मिले हैं। इसलिए वे लोग कंपनी से अलग हुए हैं।

-कुलवीन सुरी, चीफ, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन

अपरिहार्य कारणों से टाटा स्टील से खुद को अलग करना पड़ा है। इतना जरूर है कि हम लोगों ने सदैव कंपनी के हित में काम किया था।

-रजनीश जैन, सिजुआ ग्रुप चीफ, टाटा स्टील

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