MakeSmallStrong: इनकी बेमिसाल दोस्ती ने खोली सफलता की राह, ग्रामीण इलाके में साथ मिलकर चला रहे मॉल
Make Small Strong धंधे में दोस्ती नहीं करने की दुहाई दी जाती है लेकिन इन आठ युवाओं की दोस्ती ऐसी अटूट है कि उसी से धंधा उफान पर है। आपसी समन्वय सहयोग और भरोसे से धनबाद के ग्रामीण इलाके राजगंज में इनका मॉल वाइपी बाजार लगातार आगे बढ़ रहा है।
धनबाद, जेएनएन। धंधे में दोस्ती नहीं करने की दुहाई दी जाती है, लेकिन इन आठ युवाओं की दोस्ती ऐसी अटूट है कि उसी से धंधा उफान पर है। आपसी समन्वय, सहयोग और भरोसे से धनबाद के ग्रामीण इलाके राजगंज में इनका मॉल वाइपी बाजार लगातार आगे बढ़ रहा है। इस मॉल में दिन भर ग्राहकों की भीड़ जुटी रहती है। वर्ष 2017 में वाइपी बाजार की शुरुआत की गई। इसे केंदुआ की संस्था युवा प्रयास के आठ सदस्य मिलकर चलाते हैं। इनमें मनचल चौरसिया, दिलीप जायसवाल, रवि साव, शशि प्रकाश, विकास साहू, विजय गुप्ता, राजेश चौरसिया और उत्तम वर्णवाल शामिल हैं। सभी एक-दूसरे के जिगरी दोस्त। संस्था चलाने के दौरान ही इन्हें ग्रामीण इलाके में मॉल खोलने का विचार आया। तब इनमें से पांच युवकों ने मॉल खोलने के लिए आर्थिक सहयोग दिया और शेष तीन तन-मन से सहयोग करने पर सहमत हुए।
शहर में भय, गांव में नहीं : मनचल चौरसिया ने बताया कि पहले विचार हुआ कि शहरी क्षेत्र में ही मॉल खोला जाए, लेकिन प्रतिस्पर्धा को देखते हुए भय भी था। फिर सभी दोस्तों ने ग्रामीण क्षेत्र में जाने का फैसला किया। परिवार के लोगों से सलाह ली गई। स्वजनों ने साफ कहा कि ग्रामीण इलाके में कारोबार नहीं होगा। सभी की आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं थी कि शहरी क्षेत्र में मॉल खोला जाए। अंतत: ग्रामीण क्षेत्र राजगंज में ही मॉल खोलने का निर्णय हुआ। भाड़े पर बिङ्क्षल्डग ली गई। उसे तैयार किया गया और स्टाफ के रूम में वे तीन मित्र काम करने को तैयार हो गए जो आर्थिक रूप से कमजोर थे। इसका नाम भी रखा गया वाइपी बाजार। यानी युवा प्रयास बाजार।
ग्राहक करते हैं विश्वास : मनचल बताते हैं कि ग्रामीण इलाके के लोगों को सस्ता और अधिक दिनों तक चलने वाले सामान की जरूरत होती है। इसे ध्यान में रखते हुए ऐसे ही सामान की बिक्री शुरू की गई। दुकानदारी चल पड़ी। गांव के लोगों को उनके घर के बगल में मॉल मिला और हमें ग्राहक। ग्राहकों का भरोसा कायम करने के लिए समय-समय पर कई ऑफर भी दिए गए। फिर धीरे-धीरे लोगों की जरूरत के अनुसार मॉल में अन्य सामग्री भी मंगाए जाने लगे।
कायम रहे ग्राहक : लॉकडाउन होने पर बाजार पूरी तरह से बंद हो गया। हमें भी मॉल को लेकर ङ्क्षचता थी। अनलॉक शुरू होने पर मॉल तो खुला, पर ग्राहकों की संख्या कम थी। यह सिलसिला दो माह तक चला, लेकिन इसके बाद पुराने के साथ नए ग्राहक भी मॉल पहुंचने लगे। जो लोग पहले धनबाद जाकर खरीदारी करते थे, वे भी यहीं आने लगे। अब सब कुछ सामान्य हो गया है।
संस्कार ने दी सफलता : मनचल ने बताया कि युवा प्रयास संस्था में काफी अभिभावक स्वरूप लोग भी हैं। इन सब ने जो सहयोग करने का संस्कार दिया है वह आज काम आ रहा है। ग्राहक को वैसा ही सम्मान वाईपी बाजार में दिया जाता है। ग्राहकों की सुविधा का ख्याल रखा जाता है। फायदा कम रखने का सिद्धांत भी काम आया। ग्रामीण क्षेत्र में प्रतियोगिता नहीं है। इसलिए जो भरोसा ग्राहकों का है, उसे कायम रखने की चुनौती है।
सहयोग से समस्या का समाधान हुआ : आठ दोस्तों में कभी मॉल को लेकर कोई विवाद नहीं है। सभी सहयोग की भावना से काम करते हैं। मुनाफा और इसमें हिस्सेदारी तय है। यही कारण है कि अब जल्द ही दो अन्य ग्रामीण इलाकों में वाईपी बाजार खोला जा रहा है। धनबाद जिला के निरसा और गिरिडीह जिला के बगोदर में यह काम होना है। मनचल की मानें तो संस्था हो या कारोबार ईमानदारी जरुरी है। इसके बिना एक कदम भी चलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
दोस्ती, संस्था और कारोबार : वर्ष 2017 में वाईपी बाजार की शुरुआत हुई थी। इसे शुरू करने वालों में केंदुआ की संस्था युवा प्रयास के यवुकों का महत्वपूर्ण योगदान है। इनमें मनचल चौरसिया, दिलीप जायसवाल, रवि साव, शशि प्रकाश, विकास साहू, विजय गुप्ता, राजेश चौरसिया ओर उत्तम वर्णवाल शामिल हैं। ये सभी युवा प्रयास संस्था से जुड़े हुए हैं। यहीं से इन्हें ग्रामीण इलाके में मॉल संचालन का आडडिया आया। शुरू के पांच युवकों ने मॉल खोलने के लिए आर्थिक सहयोग किया तो शेष तीन ने शारीरिक रुप से मेहनत करने पर सहमत हुए। परिणाम सामने है। बीते तीन वर्षों से यह मॉल आगे ही बढ़ता रहा है।