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छह-चार आ गया, मम्मा आपकी गोटी कट गई

कोरोना संक्रमण का प्रभाव बच्चों पर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। उनकी एक तरफ जहां पढ़ाई प्रभावित हुई है वहीं बाहर खेलने की आदत भी बंद हो गई है। कोरोना काल से पहले जहां हर दिन सुबह-शाम गलियों में बच्चों धमक चौकड़ी बनी रहती थी आज वह गलियां भी सूनसान हैं। वहीं बच्चे अब एक बार फिर से कैरमबोर्ड शतरंज व लूडो खेलकर अपना मनोरंजन कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 06:10 AM (IST)
छह-चार आ गया, मम्मा आपकी गोटी कट गई
छह-चार आ गया, मम्मा आपकी गोटी कट गई

सौरभ पाडेय, भूली : कोरोना संक्रमण का प्रभाव बच्चों पर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। उनकी एक तरफ जहां पढ़ाई प्रभावित हुई है, वहीं बाहर खेलने की आदत भी बंद हो गई है। कोरोना काल से पहले जहां हर दिन सुबह-शाम गलियों में बच्चों धमक चौकड़ी बनी रहती थी, आज वह गलियां भी सूनसान हैं। भूली के चौक-चौराहों पर अब बड़े-बुजुर्गो के साथ-साथ बच्चे भी नहीं दिख रहे हैं। लोगों ने अपने आप को घरों में कैद कर लिया है। वहीं बच्चे अब एक बार फिर से कैरमबोर्ड, शतरंज व लूडो खेलकर अपना मनोरंजन कर रहे हैं। बच्चों के साथ बड़े भी इसमें उनका साथ दे रहे हैं। खासकर इस डिजिटल युग में ऑनलाइन लूडो का प्रचलन काफी बढ़ गया है। हर दूसरे घर में यह सुनने को मिल रहा है, मम्मी छह-चार आ गया, आपकी गोटी कट गई। बच्चे इन दिनों घर में कैरम, लूडो व सांप-सीढ़ी खेल टाइम पास कर रहे हैं। दुकानों में इनकी मांग भी काफी बढ़ गई है। अभी स्थिति यह है कि 20 दुकानों का चक्कर काटने के बाद दुकानों में घरेलू खेल सामग्रियां मिल रही है। स्टेशनरी दुकानदार अजय विश्वकर्मा ने बताया कि खेल सामग्रियों की डिमांड इस दौरान काफी बढ़ी है। लॉकडाउन से पहले सप्ताह दो सप्ताह में ही इसकी एकाध बिक्री होती थी। लेकिन, हाल के महीनों में इसकी बिक्री की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। पढ़ाई समाप्त करने के बाद बच्चे अपने खेल में रम जाते हैं। वहीं कई दुकानों में अब इन सामानों की कमी भी आ गई है। दुकानदारों का कहना है कि इसकी बिक्री कम होने के कारण हम माल कम ही मंगाते थे। जितने माल स्टॉक में थे, सब बिक गए हैं। नया माल भी अब कम आ रहा है।

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