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Weekly News Roundup Dhanbad: चार कंधे भी मयस्सर नहीं... मिंटू का यह हस्र हर अपराधी के लिए एक सबक

उत्तर प्रदेश से गुड्डू शुक्ला जैसे लोगों के साथ उसने गठजोड़ बना लिया था। पुलिस कप्तान असीम विक्रांत उसका पीछा करते रहे। पकड़ाया। जेल गया और दम तोड़ दिया। अब अपने ही उसका शव लेने को तैयार नहीं है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 05:04 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 05:04 PM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: चार कंधे भी मयस्सर नहीं... मिंटू का यह हस्र हर अपराधी के लिए एक सबक
कुख्यात अपराधी मिंटू कश्यप ( फाइल फोटो)।

अश्विनी रघुवंशी, धनबाद। हर इंसान चाहता है कि जब वो दुनिया से रुखसत करे तो अंतिम यात्रा के लिए अपनों के चार कंधे जरूर रहे। मिंटू कश्यप ने अपराध जगत में स्वतंत्र पहचान बनाई। लोग दूर से राम-राम या सलाम करते थे। मिंटू और उनके लोग समझते थे कि लोग मानते हैं, डरते हैं, झुकते हैं। हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि पूर्व विधायक अरुप चटर्जी के निजी सचिव संतोष मिश्रा, उद्यमी शिव रतन प्रसाद, निरंजन अग्रवाल, अनिल पासवान जैसे लोगों का अपहरण कर अथवा धमकी देकर रंगदारी लेने की साजिश रच डाली थी। उत्तर प्रदेश से गुड्डू शुक्ला जैसे लोगों के साथ उसने गठजोड़ बना लिया था। पुलिस कप्तान असीम विक्रांत उसका पीछा करते रहे। पकड़ाया। जेल गया और दम तोड़ दिया। अब अपने ही उसका शव लेने को तैयार नहीं है। प्रशासन को चिंता है कि अंतिम संस्कार के लिए कहीं कोर्ट न जाना पड़े।

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यह सजा है या मजा

गैंगस्टर सुजीत श्रीवास्तव। ऐसा अपराधी जो झारखंड में कहीं भी कांड करा सकता है, चाहे जेल में हो अथवा बाहर। उसे घाघीडीह केंद्रीय कारा में रखा गया था ताकि काबू में रहे। कारा महानिरीक्षक वीरेंद्र भूषण ने सेवानिवृत्ति के ठीक पहले प्रशासनिक कारणों से सुजीत श्रीवास्तव को घाघीडीह केंद्रीय कारा से धनबाद जिला कारा में भेज दिया। घाघीडीह में अंडा सेल था। अलग रखा जा सकता था। धनबाद जेल में तिल रखने की जगह नहीं। सुजीत श्रीवास्तव की बल्ले-बल्ले है। धनबाद जेल अधीक्षक अजय कुमार समेत बाकी लोग जरूर परेशान है। हमेशा सुजीत पर नजर रखनी जो पड़ रही है। वैसे भी कोयलांचल की आवाम रांची के होटवार जेल में बंद अमन सिंह से कम परेशान नहीं है। उसके लोग हत्या करा रहे हैं, बम चलवा रहे हैं, रंगदारी वसूल रहे हैं। सेवानिवृत्ति के पहले सुजीत पर हुई मेहरबानी को अब झेलते रहिए। 

अश्लीलता के लिए खेद

सरकारी चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सूचनाएं लेने-देने के लिए वाट्सएप समूह बनाया है, ‘कंरेंट इंफोर्मेशन ग्रुप।’ भाजपा विधायक राज सिन्हा, एसएसएलएनटी अधीक्षक डाक्टर जितेश रंजन, धनबाद सदर अस्पताल के प्रभारी डाक्टर राजकुमार जैसे कई नामचीन लोग भी इस समूह में है। इसमें महिलाएं भी कम नहीं है। रविवार को स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी ने अश्लील वीडियो डाल दिया। बिल्कुल नंग-धड़ंग इंसान। यह भी ख्याल नहीं आया कि ऐसे अश्लील संदेश देने से स्वास्थ्य विभाग के बाबत लोगों के बीच कैसा संदेश जाएगा। कई महिला कर्मचारियों ने दनादन इस वाट्सएप समूह को अलविदा कर दिया। अश्लील संदेश भेजनेवाले कर्मचारी को बेहूदा, बेशर्म, कलंक जैसे उपमा से नवाजा भी गया। झारखंड राज्य चिकित्सा एवं जन कर्मचारी संघ के राज्याध्यक्ष दिलीप कुमार एडमिन है। अश्लील संदेश भेजने वाले को उन्होंने वाट्सएप समूह से बाहर किया। खेद भी जताया। सबको सबक है। इंटरनेट मीडिया पर सदैव सावधान रहे। 

शुल्क दीजिए, सुविधा मत लीजिए

एक जुलाई से स्टेट बैंक आफ इंडिया ने कई तरह की सेवाओं के लिए शुल्क बढ़ा दिए हैं, नए शुल्क लगा भी दिए हैं। शनिवार को र्गोंवदपुर के भटमुड़ना में एसबीआइ के एटीएम से कारोबारी संतोष कुमार रुपये निकालने गए। पता चला कि एक महीने से एटीएम खराब है। पूछा तो जवाब मिला कि कब ठीक होगा, पता नहीं। संतोष कुमार उखड़ गए। आंखें लाल हो गई। बोलते गए कि हरेक साल बैंक कोई न कोई नया शुल्क लगा रहा है, बढ़ा रहा है, आदमी तबाह हो गया है। बैंक को लोन लेने या देने की जरुरत ही नहीं है। सिर्फ शुल्क से ही बैंक मालामाल हो जाएंगे। संतोष के तेवर देख कुछ और लोग इकट्ठा हो गए। एक सज्जन बोले कि स्टील गेट के पास भी कई एटीएम है। सब एटीएम कभी चालू नहीं होते। एक गल्ला व्यापारी बोले, इतने चार्ज से पिंड छूटे तो मुक्ति मिले।


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