नीरज हत्याकांडः 'सिंह मैंशन' और 'रघुकुल' के बीच तेज हुई कानूनी लड़ाई, इसी साल फैसले के आसार
पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह, उनके सहयोगी अशोक यादव, चालक घोल्टू महतो और निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी को 21 मार्च 2017 की शाम में धनबाद के सरायढेला में गोलियों से भून दिया गया था।
धनबाद, जेएनएन। कांग्रेस नेता धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार की हत्या का धनबाद कोर्ट में ट्रायल चलने के साथ ही 'सिंह मैंशन' और 'रघुकुल' के बीच कानूनी लड़ाई तेज हो गई है। रघुकुल जहां हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता झरिया के विधायक संजीव सिंह को सजा दिलाना चाहता है तो सिंह मैंशन कोर्ट से बाइज्जत बरी। इसे लेकर दोनों पक्ष तारीख दर तारीख अपने-अपने तरफ से विद्वान अधिवक्ताओं को लेकर कोर्ट में पहुंच रहे हैं। इससे कानूनी लड़ाई दिलचस्प हो गई है।
21 मार्च 2017 को हुई थी नीरज सिंह की हत्याः धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह, उनके सहयोगी अशोक यादव, चालक घोल्टू महतो और निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी को 21 मार्च 2017 की शाम में सरायढेला में गोलियों से भून दिया गया था। इस मामले में नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने अपने चचेरे भाई झरिया के विधायक संजीव सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। हत्याकांड में 11 अप्रैल 2017 से विधायक संजीव सिंह धनबाद जेल में बंद हैं। संजीव सिंह जिस घर में रहते हैं उसका नाम सिंह मैंशन और उनके चचेरे भाई जिस घर में रहते थे उसका नाम रघुकुल है। नीरज हत्याकांड के बाद कानूनी लड़ाई दोनों घरानों के बीच ही चल रही है। दोनों राजनीतिक घरानों के समर्थक एक-दूसरे के पीछे खड़े हैं।
चल रहा स्पीडी ट्रायलः सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नीरज हत्याकांड का स्पीडी ट्रायल चल रहा है। 16 फरवरी को कोर्ट में हत्याकांड के चश्मदीद गवाह ऱाकेश कुमार ने गवाही दी। वहीं इसके पूर्व चश्मदीद आदित्य राज से बचाव पक्ष ने जिरह पूरी की। जबकि एक अन्य गवाह पप्पू यादव ने भी कोर्ट में बयान दर्ज कराया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दूबे की अदालत में शनिवार को चश्मदीद आदित्य राज से बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता बीएम त्रिपाठी, मदन मोहन दरिप्पा, देवी शरण सिन्हा, मो जावेद, पंकज प्रसाद, कुमार मनीष, जया कुमार और केके तिवारी ने पौने घंटा तक पूछताछ की। अधिवक्ताओं ने आदित्य से पुलिस को दिए बयान और मजिस्ट्रेट को दिए बयान और उससे संबंधित विरोधाभासी बयानों के संबंध में पूछताछ की। वहीं नीरज सिंह की गाड़ी के संबंध में भी पूछताछ की गई। आदित्य के मोबाइल से घटना के दिन जिन लोगों को फ ोन किया गया था उनके संबंध में भी पूछताछ की गई। शुक्रवार को आदित्य राज ने कोर्ट मे घटना का पूर्ण रूप से समर्थन करते हुए कहा था कि संजीव सिंह द्वारा इशारा करते ही उनके साथ आ रहे लोग अंधाधुंध फायरिंग करने लगे थे।
दाहिनी ओर से संजीव चला रहे थे गोलीः इधर राकेश कुमार ने कोर्ट में उन सारी बातों को दोहराया जिसे उसने अनुसंधानक निरंजन तिवारी को अनुसंधान के दौरान बताया था। राकेश ने कहा था कि 21 मार्च 17 की शाम पौने सात बजे वह गन्ना का जूस पीने स्टील गेट जा रहा था। जूस दुकान के पास जब पहुंचा तो वहां एक गाड़ी आकर रुकी। गाड़ी के ड्राइवर की तरफ से एक आदमी तथा आगे से कुछ लोग अंधाधुंध गोली चलाने लगे। मैं वहां छिप गया। कुछ लोग गाड़ी के दाहिनी तरफ से आकर गोली चलाने लगे। वहीं पर कुछ लोग बोल रहे थे कि चल हो संजीव भैया सब मर गइले। गोली चलना बंद हो गया तो हमला करने वाले बाइक से बिग बाजार की ओर जाने लगे। तब उनमें से एक व्यक्ति जो पीछे वाली बाइक में था वह आया और गाड़ी में आगे बैठे हुए व्यक्ति पर गोली चलाया। उसके बाद वह हवा में फायरिंग करते हुए चला गया। हम अन्य लोगों के साथ गाड़ी के समीप जाकर देखे कि गाड़ी की अगली सीट पर नीरज सिंह एवं उनका चालक और पीछे बॉडीगार्ड खून से लथपथ पड़े थे। उनके साथ आदित्य राज था जिसके दाहिने हाथ में गोली लगी हुई थी। वह फोन पर नीरज सिंह के भाई को बुला रहा था। थोड़ी देर में एकलव्य सिंह अपनी गाड़ी से घटनास्थल पर आए और कुछ लोगों की मदद से नीरज को अपनी गाड़ी से सेंट्रल अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने नीरज को मृत घोषित कर दिया। वहां आदित्य राज का इलाज चल रहा था। संजीव सिंह दाहिनी ओर से गोली चला रहे थे।
राकेश ने की पहचान : राकेश ने संजीव सिंह और अमन सिंह की पहचान कोर्ट में की जबकि कुर्बान अली व चंदन सिंह को पहचानने से इनकार किया। 22 मिनट तक बचाव पक्ष की ओर से राकेश से जिरह की गई। अधिवक्ता जावेद ने बताया कि बचाव पक्ष ने राकेश द्वारा इस हत्याकांड के बाद किये गये फेसबुक पोस्ट के संबध मे दर्जनों सवाल किए जिसका जबाब देते वक्त वो असहज दिख रहे थे। दिन के 12.34 बजे से राकेश का जिरह शुरू हुआ जो 12.56 तक चला।
तरबूज विक्रेता बोला-जितने भी गाड़ी मे थे सब मर गएः स्टील गेट के पास तरबूज बेचने वाले सातवें गवाह पप्पू यादव ने बताया कि चाय पीकर जब लौटा तो स्पीड ब्रेकर के पास भीड़ लगी थी। लोग कह रहे थे गोली चल गई। नीरज सिंह को गोली मार दिया। सब लोग भाग रहे थे। हम भी भाग गए। जितने भी लोग गाड़ी में थे सब मर गए थे। मात्र छह मिनट में पप्पू की गवाही खत्म हो गई। बचाव पक्ष ने पप्पू से केवल दो सवाल ही पूछे।
अब तक आठ गवाहों के बयान कलमबंदः अभियोजक ओम प्रकाश तिवारी द्वारा पिछली पांच तिथियों से अभी तक आठ की गवाही इस मामले में कराई जा चुकी है। आठवें गवाह के रूप में राकेश कुमार का बयान हुआ। इसके पूर्व गवाह राजू सिंह उर्फ यशवंत सिंह, अनूप सिंह, निखिलेश सिंह एकलव्य सिंह, अनिल सिंह, आदित्य राज व पप्पू यादव का बयान दर्ज किया जा चुका है।
एसएसपी ने लिया सुरक्षा का जायजाः दिन के 11 बजे एसएसपी धनबाद किशोर कौशल कोर्ट पहुंचे। वहां उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। कई निर्देश सुरक्षाकर्मियों को दिया। करीब आधे घंटे रूकने के बाद वो वापस चले गए।
अभिषेक-एकलव्य के साथ आए आदित्य, राकेश व पप्पूः दिन के 11.10 बजे निजी व सरकारी सुरक्षाकर्मियों के साथ आठ गाडिय़ों के काफि ले मे कांड के सूचक अभिषेक सिंह अपने भाई एकलव्य सिंह, आदित्य, राकेश व पप्पू को लेकर कोर्ट पहुंचे थे। वहीं जेल प्रशासन ने विधायक संजीव सिंह, डब्लू मिश्रा, धनजी सिंह, पिंटू सिंह, संजय सिंह और विनोद सिंह की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में लगभग 11.39 बजे कोर्ट में पेश किया।
18 को फिर होगी सुनवाईः अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए फिर18 फरवरी की तारीख निर्धारित की है। अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का निर्देश दिया है। जिस तेजी से स्पीडी ट्रायल हो रहा है जानकारों का कहना है कि इसी साल नीरज हत्याकांड में फैसला आ सकता है।