Move to Jagran APP

जेल अस्पताल में गिन रहे आखिरी सांसें, इच्छामृत्यु की जगह रिहाई की गुहार

धनबाद में भी एक ऐसे मरीज हैं जिनके ठीक होने की संभावना नहीं। उनके लिए इच्छामृत्यु तो नहीं पर जेल से रिहाई की गुहार जरूर लगाई गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 10 Mar 2018 01:28 PM (IST)Updated: Sat, 10 Mar 2018 01:28 PM (IST)
जेल अस्पताल में गिन रहे आखिरी सांसें, इच्छामृत्यु की जगह रिहाई की गुहार
जेल अस्पताल में गिन रहे आखिरी सांसें, इच्छामृत्यु की जगह रिहाई की गुहार

धनबाद, जासं। सुप्रीम कोर्ट ने इच्छामृत्यु पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने गंभीर रूप से बीमार मरीजों (जिनके ठीक होने की उम्मीद नहीं है) को मरने के लिए जीवनरक्षक उपकरण त्यागने की अनुमति दे दी है। धनबाद में भी एक ऐसे मरीज हैं जिनके ठीक होने की संभावना नहीं। उनके लिए इच्छामृत्यु तो नहीं पर जेल से रिहाई की गुहार जरूर लगाई गई है।

loksabha election banner

ये मरीज फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल अस्पताल में ही इलाजरत हैं। धनबाद मंडल कारा के अस्पताल में इलाजरत 87 साल के बंदी जुबैर खान हत्या के मामले में आरोपित हैं। वे कतरास के निवासी हैं। वे सिजोफ्रेनिया, टीबी, हाई बीपी आदि बीमारियों से पीडि़त हैं। करीब नौ साल से जेल में बंद जुबैर अक्सर बीमार ही रहते हैं।

उनका कारा अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। उनके ठीक होने की उम्मीद नहीं है जिसे देखते हुए कारा चिकित्सक ने उन्हें जमानत पर मुक्त करने की सिफारिश की है। बताते हैं कि एक बार उन्हें जमानत दी भी गई थी लेकिन बीमारी और वृद्धावस्था के कारण वे हाजिरी पर नियमित रूप से कोर्ट नहीं आते थे।

इस कारण उनकी जमानत रद हो गई और वे फिर जेल आ गए। जेल अस्पताल में भी उन्हें कई सहारों पर रखा गया है। इस कारण कारा चिकित्सक ने आखिरी समय में उन्हें परिजनों के बीच रहने देने के लिए रिहा करने की गुहार लगाई है। वैसे कहा जाता है कि उनके परिजन भी सुध लेने के लिए जेल नहीं आते।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.