Jharkhand Judge Death Case: लाई डिटेक्टर टेस्ट में भी ऑटो ड्राइवर ने दोहराई पुरानी बात, आरोपित 10 दिन और रहेंगे सीबीआइ रिमांड पर
Dhanbad Judge Death Case 28 जुलाई को धनबाद के जिला व सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद घर से सुबह पांच बजे के करीब माॄनग वाक के लिए निकले थे। थोड़ी देर बाद एक आटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी। इसके बाद उनकी माैत हो गई।
विसं, धनबाद। जज उत्तम आनंद की माैत हुए 15 दिन हो चुके हैं। यह मामला हत्या है या हादसा, इसकी जांच जारी है। जांच पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर झारखंड हाई कोर्ट तक की नजर है। लेकिन पहले एसआइटी और अब सीबीआइ जांच के दाैरान 13 दिन में कोई प्रगति नहीं हुई है। अब तक साजिश के बिंदु पर सीबीआइ के साथ खाली है। आरोपित ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसका सहयोगी राहुल वर्मा घटना के एक दिन बाद 29 जुलाई से ही पहले पुलिस और अब सीबीआइ रिमांड पर है। लाई डिटेक्टर टेस्ट भी हो चुका है। लेकिन अब तक ऑटो ड्राइवर ने साजिश की कोई बात नहीं बताई है। दोनों दुर्घटना की रट लगाए हुए हैं। इस बीच सीबीआइ की विशेष अदालत ने आरोपितों की रिमांड अवधि 10 दिन के लिए बढ़ा दी है। अब और 10 दिन तक सीबीआइ को पूछताछ करने का माैक मिल गया है।
6 अगस्त को सीबीआइ ने लिया था रिमांड पर
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की हत्या के हाई प्रोफाइल मामले में सीबीआइ ने बुधवार को गिरफ्तार दोनों आरोपितों राहुल वर्मा और लखन वर्मा को फिर से पूछताछ के लिए 10 दिनों की सीबीआइ रिमांड में लिया। इसके पूर्व छह अगस्त को अदालत ने दोनों आरोपितों को पांच दिनों के सीबीआइ हिरासत में दिया था। सीबीआइ की स्पेशल टीम एसपी जगरूप एस सिन्हा और एएसपी सह कांड के अनुसंधानकर्ता विजय कुमार शुक्ला के नेतृत्व में तीन गाडिय़ों में बुधवार सुबह 10:45 बजे कोर्ट पहुंची। वहां धनबाद सीबीआइ की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत में अभियुक्तों को पेश किया और 10 दिनों के लिए फिर सीबीआइ हिरासत में देने की प्रार्थना की। इस दौरान सीबीआइ ने अदालत को बताया कि अभियुक्तों का और टेस्ट किया जाना बाकी है, जिससे सच्चाई का पता लग सके। उन टेस्टों में कम से कम सात दिनों का समय और लगेगा तथा टेस्ट कराने के लिए उन्हेंं धनबाद से बाहर भी ले जाना पड़ सकता है। लिहाजा उन्हेंं दस दिनों की रिमांड दी जाए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अखिलेश मिश्रा ने सीबीआइ के आवेदन का पुरजोर विरोध किया। अदालत ने अधिवक्ता के विरोध को खारिज करते हुए सीबीआइ को दोनों आरोपितों को और दस दिनों के लिए सीबीआई हिरासत में देने का आदेश दिया। इसके पूर्व छह अगस्त को अदालत के आदेश के बाद सात अगस्त को सीबीआइ दोनो आरोपितों को अपनी हिरासत में ले गई थी।
सिंफर परिसर में हुई थी टेस्टिंग
मामले की जांच कर रही सीबीआइ की स्पेशल टीम ने नौ अगस्त को अदालत से दोनों आरोपितों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। नौ एवं 10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाउस में आरोपित आटो चालक राहुल वर्मा और उसके सहयोगी लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट, ब्रेन मैपिंग व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआइ की टीम फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर गई थी। धनबाद स्टेशन से घटनास्थल तक के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था।
28 जुलाई की सुबह हुई थी माैत
28 जुलाई को धनबाद के जिला व सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद घर से सुबह पांच बजे के करीब माॄनग वाक के लिए निकले थे। थोड़ी देर बाद एक आटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी। उन्हें कुछ लोगों ने अस्पताल पहुंचाया था, जहां उनकी मौत हो गई थी। पत्नी ने इसे हत्या बताते हुए धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंप दी गई थी।