केओसीपी में रनिग संडे बंद करने पर वर्कशॉप के पास श्रमिकों ने जताया विरोध
अब तक मैन पावर का 80 प्रतिशत संडे ड्यूटी मिलती थी। अब केवल इमरजेंसी के नाम पर संडे ड्यूटी दी जा रही है। इसका हमलोग विरोध कर रहे हैं।
संस, तिसरा : केओसीपी परियोजना प्रबंधन की ओर से अचानक रनिग संडे बंद करने के खिलाफ संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में गोलबंद हुए श्रमिकों ने रविवार को वर्कशॉप के पास विरोध किया। आचार संहिता लगे होने के कारण प्रदर्शन नहीं किया गया। बताते हैं कि श्रमिक वर्कशॉप कार्यालय व अन्य जगहों पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि प्रबंधन ने उनकी रनिग संडे ड्यूटी बंद कर दी है। धीरे-धीरे श्रमिक वर्कशॉप के पास जमा होने लगे। श्रमिक प्रतिनिधि सुरेंद्र सिंह व अन्य ने कहा कि प्रबंधन की यह नीति सही नहीं है। रनिग संडे बंद करने के पहले नोटिस देना चाहिए। मोर्चा के नेताओं से बात करनी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ। कहा कि अब तक मैन पावर का 80 प्रतिशत संडे ड्यूटी मिलती थी। अब केवल इमरजेंसी के नाम पर संडे ड्यूटी दी जा रही है। इसका हमलोग विरोध कर रहे हैं। आगे प्रबंधन को नोटिस भी देंगे। प्रशासन से अनुमति लेकर धरना, प्रदर्शन और परियोजना बंदी भी करेंगे। यह प्रबंधन का तुगलकी फरमान है। अभी कोयला का फेस यहां है। इसके बावजूद ऐसा कदम उठाया गया। इस परियोजना ने सबसे अधिक आठ लाख से अधिक कोयला उत्पादन इस वर्ष किया है। मौके पर दिनेश सिंह, टीडी सिंह, भरत यादव, कालीपद महतो, आलोक सिंह, खुर्शीद आलम, सुमन सिंह, प्रेम कुमार, प्रकाश, उदय शंकर उपाध्याय, गणेश पटेल, यूके सिन्हा सुरेश बढ़ई, उदय कुमार, रघुवीर निषाद आदि थे।
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अभी हमारे पास परियोजना चलाने के लिए जगह नहीं है। इसलिए तत्काल बंद किया गया है। प्रक्रिया चल रही है। जैसे ही जगह मिलेगी। फिर से रनिग संडे चालू होगा। प्रबंधन बैठकर किसी को पैसा नहीं दे सकता है।
- एन राय, पीओ केओसीपी परियोजना