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पिता दिल्ली में मजदूर, बिटिया धनबाद रेल मंडल में चलाएगी रेलगाड़ी Dhanbad News

धनबाद रेल मंडल को 238 नए सहायक लोको पायलट मिले हैं। इनमें जॉइनिंग प्रक्रिया में 220 शामिल हुए।नए रेल चालकों में 27 महिला लोको पायलट भी शामिल हैं।

By mritunjayEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 11:49 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 11:49 AM (IST)
पिता दिल्ली में मजदूर, बिटिया धनबाद रेल मंडल में चलाएगी रेलगाड़ी Dhanbad News
पिता दिल्ली में मजदूर, बिटिया धनबाद रेल मंडल में चलाएगी रेलगाड़ी Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। रेलवे में नियुक्ति प्रक्रिया के तहत धनबाद रेल मंडल को 238 सहायक रेल चालक मिले हैं। इनमें 220 सहायक रेल चालकों ने मंगलवार को योगदान दिया। खास बात यह है कि 220 सहायक रेल चालकों में 27 महिला हैं। इन्हीं में एक आरती कुमारी भी शामिल हैं। हरियाणा के झज्जर में गंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट से बीटेक करने वाली आरती रेल चालक बनकर काफी खुश है।

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दैनिक जागरण से बात करते हुए आरती ने बताया कि वह प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर रही थी। पर मन में हमेशा ही केंद्र सरकार के अधीन काम करने की हसरत थी। तभी रेलवे के सहायक चालक की वैकेंसी निकली जिसे भर दिया। रिजल्ट आने पर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।

बिहार के मुंगेर निवासी आरती ने बताया कि उसके पिता अशोक कुमार सिंह इन दिनों दिल्ली में मजदूरी करते हैं। वह कहती हैं कि ट्रेन चलाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं और लड़कियों को इस चुनौती का सामना डटकर करना चाहिए।

मंगल मिशन में महिलाएं शामिल हो सकती हैं तो ट्रेन क्यों नहीं चला सकती: बेटियों को बस मौका चाहिए, ट्रेन तो चला ही लेंगी। मन से डर और भ्रम दूर कर लें तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं। जब मंगल मिशन में महिलाएं शामिल हो सकती हैं तो टे्रन क्यों नहीं चला सकती। यह कहना है मोतीहारी से आईं अनुभा स्वरुप का। अनुभा ने गाजियाबाद से बीटेक किया और प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर रही थी। रेलवे भर्ती बोर्ड पटना से वैकेंसी निकलने पर भर दिया और चयन भी हो गया। अनुभा कहती हैं कि रेलवे केंद्र सरकार के अधीन है और इसमें नौकरी निजी क्षेत्र से कई मायनों में बेहतर है। पिता संजीव स्वरुप इस दुनिया में नहीं हैं। दादी शोभा देवी और मां अनिता स्वरुप प्रेरणास्रोत हैं।

धनबाद को मिले 238 सहायक रेल चालकः कार्मिक विभाग की ओर से कागजातों की जांच एवं अन्य प्रक्रियाओं के बाद नव नियुक्त सहायक रेल चालकों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है। जोनल रेलवे ट्रेनिंग स्कूल भूली और ईटीटीसी मुगलसराय व आसनसोल के प्रशिक्षण केंद्रों पर विभिन्न चरणों में प्रशिक्षण होगा। इसके बाद ही सभी चालक बनकर रेलसेवा में योगदान देंगे।

- धनबाद रेल मंडल को 238 नए सहायक लोको पायलट मिले हैं।

- मंगलवार को आयोजित जॉइनिंग प्रक्रिया में 220 शामिल हुए।

- नए रेल चालकों में 27 महिला लोको पायलट भी शामिल हैं।


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