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बकाया भुगतान की मांग पर ठेका मजदूरों का प्रदर्शन

कुमारधुबी : मैकनली सायजी इंजीनिय¨रग व‌र्क्स के यूनिट टू के ठेका मजदूरों का बीते छह माह से बकाया वेतन

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 07:07 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 07:07 PM (IST)
बकाया भुगतान की मांग पर ठेका मजदूरों का प्रदर्शन
बकाया भुगतान की मांग पर ठेका मजदूरों का प्रदर्शन

कुमारधुबी : मैकनली सायजी इंजीनिय¨रग व‌र्क्स के यूनिट टू के ठेका मजदूरों का बीते छह माह से बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर सोमवार को मजदूरों ने कार्य ठप कर मुख्य गेट के समक्ष प्रदर्शन किया। मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। मजदूरों ने कहा कि कंपनी स्थायी व सप्लाई मजदूरों के हित के बारे ही सोचती है लेकिन ठेका मजदूरों के साथ सौतेला व्यवहार होता है। सुविधाओं के नाम पर खानापूíत की जाती है। प्रबंधन जेबी संगठनों के बल पर ठेकेदार मजदूरों को मोहरा बनाकर उनका शोषण करती है। अब प्रबंधन की मनमानी नहीं चलेगी। मांग नहीं मानी गई तो यूनिट वन का कामकाज भी ठप कर दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो लेबर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जायेगा।

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कारखाना के करीब डेढ़ सौ ठेका मजदूर तीन दिनों से हड़ताल पर हैं। कारखाना प्रबंधन ने वार्ता की पहल नहीं की है। मजदूरों ने एक स्वर में कहा कि जब तक बकाया भुगतान नहीं हो जाता हड़ताल जारी रहेगी।

वहीं कंपनी का कहना है कि ठेका मजदूरों का भुगतान ठेकेदार द्वारा किया जाता है। प्रबंधन का कहना है कि कांट्रैक्ट के हिसाब से कंपनी पर ठेकेदारों का कोई बकाया नहीं है। बल्कि एडवांस भुगतान किया गया है। ऐसे में मजदूरों के बकाया वेतन के लिए कंपनी जिम्मेदार नहीं है। ठेकेदारों ने मजदूरों को वेतन नहीं दिया तो कंपनी क्या कर सकती है। लेकिन कंपनी मजदूरों के हित को देखते हुए उनकी हर समस्या के निदान के लिए मंगलवार को वार्ता का आश्वासन दिया गया था। लेकिन ठेकदार के बहकावे में आकर मजदूर हड़ताल पर चले गए।

ठेकेदारों का कहना है कि कंपनी के पास बिल बकाया है। जिसके कारण मजदूरों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। कंपनी आपस में फूट डालने का काम कर रही है। लेकिन हमलोग एकजुट हैं।

कंपनी के सीनियर मैनेजर एके ¨सह ने कहा कि कंपनी पर ठेकेदारों का किसी प्रकार का कोई बिल बकाया नहीं है। मजदूर कंपनी नहीं बल्कि ठेकेदार के अधीन हैं। बकाया बिल के लिए ठेकेदार जिम्मेवार हैं। कंपनी व मजदूरों के हित को देखते हुए कुछ कड़े कदम उठाये जाएंगे।


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