कांटा पहाड़ी में दूसरे दिन भी रहा तनाव, समझौता के बाद सिडिकेट विरोधी की ट्रक डंप में घुसी
कतरास कांटा पहाड़ी कोल डंप में कोयला उठाव को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन भी घंटों माहौल गरम रहा। सुबह में ही सिडिकेट समर्थक व विरोधी डीओ धारक के समर्थक अलग-अलग खेमे में जमा हो गए। सूचना पाकर अंगारपथरा ओपी व सीआइएसएफ की टीम मौके पर पहुंची।
संवाद सहयोगी, कतरास : कांटा पहाड़ी कोल डंप में कोयला उठाव को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन भी घंटों माहौल गरम रहा। सुबह में ही सिडिकेट समर्थक व विरोधी डीओ धारक के समर्थक अलग-अलग खेमे में जमा हो गए। सूचना पाकर अंगारपथरा ओपी व सीआइएसएफ की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस के कड़े रुख को देख दोनों पक्ष वहां से हटे। इस बीच दोनों पक्ष के बीच शर्तों के साथ लिखित समझौता पत्र बना। इसके बाद सुबह करीब 9:45 बजे कांटा घर में ट्रकों का वजन शुरू हुआ। छठे नंबर पर लाइन में लगी सिडिकेट विरोधी मेसर्स कन्हाई चौहान की एक ट्रक का वजन हुआ। इसके बाद उसकी ट्रक लोडिग के लिए डंप में गया। मंगलवार को 11 ट्रकों का आवंटन था, जिसमें दस ट्रक ही लोडिग प्वाइंट पर गई। तकनीकी कारण से एक ट्रक का वजन नही हो पाया। क्या है लिखित समझौता में : सिडिकेट समर्थक व विरोधी डीओ धारक के प्रतिनिधि के बीच वार्ता हुई। जिसमें कहा गया है कि डीओ धारक कन्हाई चौहान के अधिकृत व्यक्ति भोलू यादव के अलावा दूसरा व्यक्ति मजदूर व सरदार से बात नहीं करेगा। लोडिग प्वाइंट पर मजदूर एवं सरदार पर डीओ धारक किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएंगे। कोयला लोडिग का निर्धारित राशि डीओ धारक द्वारा सरदार को कांटा पर ही लोडिग राशि का भुगतान किया जाए। कांटा या लोडिग स्थल पर सरदार व मजदूरों के साथ किसी तरह का विवाद होने पर इसकी जिम्मेवारी डीओ धारक की होगी। भविष्य में कभी भी सरदार व मजदूरों के पारिवारिक समस्या के कारण कोयला लोडिग में विलंब होने पर 46 दंगल के बाहर अन्य किसी मजदूर के द्वारा कोयला लोडिग की बात डीओ धारक एवं अधिकृत व्यक्ति द्वारा नहीं किया जाएगा। समझौता पत्र में एक पक्ष के शंकर चौहान तथा दूसरे पक्ष के भोलू यादव ने हस्ताक्षर किया।