ताइक्वांडो खिलाड़ी सुमित के सामने मजदूरी करने की विवशता
निचितपुर / भूली राष्ट्रीय स्तर के ताइक्वांडो खिलाड़ी 20 वर्षीय सुमित कुमार विश्वकर्मा गरीबी व आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। कोरोना काल में उसके सामने काफी परेशानी आ गई है।
निचितपुर / भूली: राष्ट्रीय स्तर के ताइक्वांडो खिलाड़ी 20 वर्षीय सुमित कुमार विश्वकर्मा गरीबी व आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। कोरोना काल में उसके सामने काफी परेशानी आ गई है। भूली डी ब्लॉक का रहने वाला सुमित दैनिक मजदूरी व रात्रि प्रहरी का काम कर अपने परिवार के सदस्यों के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करता है। वह अपने घर का इकलौता कमाने वाला है। उसने बताया कि उसके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी है। मजदूरी का काम नियमित नहीं मिलती है, इसलिए वह रात्रि बेला में पहरेदारी का काम करता है। घर में मां, एक छोटा भाई और छोटी बहन है। जिला से राष्ट्रीय स्तर के ताइक्वांडो प्रतियोगिता में दिखा चुका है जलवा : सुमित ने बताया कि वह जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के कई प्रतियोगिता में भाग लेकर मेडल जीत चुका है। 10 से अधिक स्वर्ण पदक जीत चुका है। दिल्ली में आयोजित 58 वां नेशनल स्कूल गेम्स 2012-13 में स्वर्ण, झारखंड स्टेट ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2008 में स्वर्ण, पंचायत युवा और खेल में स्वर्ण मेडल, तीसरा ईस्ट जॉन ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2012 में स्वर्ण, सातवां झारखंड ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2017 में स्वर्ण मेडल, झारखंड स्टेट स्कूल गेम्स ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2012-13 में स्वर्ण मेडल जीत चुका है। पैसे के अभाव में कई प्रतियोगिताओं से भाग लेने से रहे वंचित : सुमित ने बताया कि उसका कई और प्रतियोगिता में चयन हुआ था, लेकिन आर्थिक रुप से कमजोर रहने के कारण वह भाग नहीं ले सका। सरकारी स्तर से अभी तक कोई सहयोग नहीं मिला है, अगर सहयोग मिला तो ताइक्वांडो के क्षेत्र में देश का नाम और रौशन करेंगे। उसने सरकार से सहयोग की गुहार की। = कोच अमित ने नि:शुल्क दिया प्रशिक्षण : अमित ने बताया कि कोच अमित कुमार रवानी ईस्ट बसुरिया कोल डंप कॉलोनी व भूली में मुझे निश्शुल्क ताइक्वांडो का प्रशिक्षण देते थे। उन्हीं के बदौलत ही मैं राष्ट्रीय स्तर के ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भाग ले सका हूं।