Rupa Tirkey Suicide Case: हत्या बताने वालों की भी जांच में दिलचस्पी नहीं, तय समय में किसी ने नहीं रखा लिखित पक्ष; जस्टिस गुप्ता ने कलमबद्ध किया बयान
रूपा तिर्की आत्महत्या मामले की जांच के लिए जस्टिस वीके गुप्ता सोमवार को करीब पौने 11 बजे हेलीकॉप्टर से साहिबगंज पहुंचे। जैप ग्राउंड में उनका हैलीकॉप्टर उतरा। वहां से वे सर्किट हाउस पहुंचे और मामले की सुनवाई की। सर्किट हाउस में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज। साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की जांच के लिए गठित जस्टिस वीके गुप्ता आयोग ने सोमवार को यहां जांच पड़ताल की। उन्होंने स्थानीय अतिथि भवन में 10 पुलिस कर्मियों, उसके शव का पोस्टमार्टम करनेवाले तीन चिकित्सकों व दो महिलाओं का बयान दर्ज किया। इनमें एक रूपा तिर्की की रिश्तेदार व दूसरी उसी फ्लैट में रहनेवाले एक पुलिसकर्मी की पत्नी थी। इसके बाद जस्टिस वर्मा ने घटनास्थल का भी मुआयना किया। एक-एक चीज की उन्होंने बारीकी से जांच की। 3 मई, 2021 को रूपा तिर्की ने साहिबगंज स्थित सरकारी आवास में आत्महत्या कर ली थी।
एक आदमी ने भी अब तक नहीं रखा लिखित पक्ष
जस्टिस वीके गुप्ता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आयोग की ओर से अखबारों में एक सूचना प्रकाशित करायी गई थी तथा कहा गया था कि किसी भी व्यक्ति काे अगर इस मामले में किसी प्रकार की जानकारी है तो वह 20 जुलाई तक आयोग के पते पर भेज दे। तय समय सीमा तक किसी भी व्यक्ति ने किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी। इस वजह से आम लोगों को अपनी बात रखने का एक और मौका दिया जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही सूचना प्रकाशित करायी जाएगी। जस्टिस ने बताया कि यह उनकी दूसरी मीटिंग थी। पहली मीटिंग रांची में अधिकारियों के साथ हुई थी। यह दूसरी मीटिंग है। अब तीसरी मीटिंग रांची में होगी। इसके बाद जरूरत पड़ने पर वे पुन: यहां आएंगे।
छह महीने में देनी है जांच रिपोर्ट
गुप्ता ने कहा कि सारे तथ्यों की गहराई से जांच-पड़ताल की जा रही है। छह माह में रिपोर्ट देनी है। उनकी कोशिश होगी कि निर्धारित समय सीमा के भीतर वे रिपोर्ट समर्पित कर दें। जस्टिस गुप्ता करीब पौने 11 बजे हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे। जैप ग्राउंड में उनका हैलीकॉप्टर उतरा। वहां से वे सर्किट हाउस पहुंचे और मामले की सुनवाई की। सर्किट हाउस में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। इस मौके पर डीसी रामनिवास यादव, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, एसडीओ हेमंत सती, एसी अनुज कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी संजय कुमार, एसडीपीओ राजेंद्र दुबे, कांड के अनुसंधानकर्ता शशिभूषण चौधरी आदि मौजूद थे।