लोकतंत्र की मजबूती के लिए न्यायिक हस्तक्षेप जरूरी
धनबाद : यह बड़ा रोचक है कि विज्ञान के छात्र कानून व संविधान जैसे विषयों पर न केवल जानका
धनबाद : यह बड़ा रोचक है कि विज्ञान के छात्र कानून व संविधान जैसे विषयों पर न केवल जानकारी ले रहे हैं, बल्कि इसमें अपनी दिलचस्पी भी दिखा रहे हैं। कानून को जन आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। सही मायने में कानून का चेहरा भी यही है। उक्त बातें झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डा. एसएन पाठक ने कहीं।
डा. पाठक आइएसएम प्रबंध एवं अध्ययन विभाग की ओर से आयोजित 'न्यायिक हस्तक्षेप एक संवैधानिक जिम्मेवारी' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए न्यायिक हस्तक्षेप जरूरी है, ताकि कानून का शासन बहाल हो सके। डा. पाठक ने कहा कि न्यायपालिका ने समाज के प्रत्येक क्षेत्र में काम कर यह सुनिश्चित किया है कि लोगों का अधिकार सुरक्षित रहे।
1980 के बाद न्यायपालिका की भूमिका में व्यापक बदलाव हुए और न्यायपालिका ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए लोगों के संवैधानिक अधिकार की रक्षा की। वहीं, कार्यकारी निदेशक प्रो. जीके पटनायक ने विभाग के बारे में लोगों को बताया। इससे पूर्व मैनेजमेंट स्टडी विभाग डा. प्रमोद पाठक ने मुख्य अतिथि का परिचय छात्रों से कराया। प्रो. चंदन भड़ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें सम्मानित किया।