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Naxalite Toofan Death Case: न्यायिक जांच टीम को पुलिसिया प्रताड़ना के पक्ष में नहीं मिल रहे गवाह, इलाज के दाैरान रिम्स में हुआ था निधन

Naxalite Toofan Death Case नक्सली तूफान को पुलिस ने 14 जुलाई 2020 को उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल आने पर उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। 12 अक्टूबर को उसे रिम्स रांची में भर्ती कराया गया। वहां 17 नवंबर को मौत हो गई थी।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 07:58 AM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 08:26 PM (IST)
इनामी नक्सली राजकुमार किस्कू उर्फ तूफान दा की माैत की जांच करते अधिकारी ( फोटो जागरण)।

दिलीप सिन्हा, गिरिडीह।  न्यायिक हिरासत में एक लाख रुपये के इनामी नक्सली राजकुमार किस्कू उर्फ तूफान दा की मौत की न्यायिक जांच शुरू हो गई है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह प्रधान जिला जज के निर्देश पर जांच कर रहे हैं। सेंट्रल जेल अधीक्षक राजमोहन राजन, तत्कालीन जेलर व अभी रामगढ़ जेल के अधीक्षक अनिमेष चौधरी, डाक्टर एके रवि, जेल के तीन कंपाउंडर के अलावा जेल में बंद हार्डकोर सजायाफ्ता माओवादी रमेश मंडल व संजय राय का बयान मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने दर्ज किया है। शनिवार को अपने बयान में जेल अधीक्षक ने बताया कि उनकी पदस्थापना के पहले ही तूफान दा को गिरिडीह सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से रिम्स भेजा गया जहां मौत हो गई। इस कारण इस मामले में विशेष कुछ बता नहीं सकते। डाक्टर, कंपाउंडर व दोनों बंदियों ने भी अपनी गवाही में नहीं कहा कि पुलिस की पिटाई से तूफान की तबीयत बिगड़ी।

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यह है मामला

18 साल पहले एक निजी कंपनी के पांच सुरक्षा गार्ड की हत्या में तूफान दा को पुलिस ने 14 जुलाई 2020 को उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। स्वजनों का आरोप है कि उसकी पुलिस ने पिटाई की थी। जेल आने पर शरीर में कई जगहों पर जख्म थे। उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। पहले उसका इलाज जेल अस्पताल में चला। इसके बाद पहले उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। 12 अक्टूबर को उसे रिम्स रांची में भर्ती कराया गया। वहां 17 नवंबर को मौत हो गई थी।

पुलिस बल न मिलने से 15 दिन बाद सदर अस्पताल भेजा गया था

जेल आने के बाद ही तूफान दा की तबीयत बिगड़ गई थी, लेकिन पुलिस बल उपलब्ध नहीं रहने के कारण सदर अस्पताल भेजे जाने में देरी हुई। 10 अक्टूबर की शाम पुलिस बल उपलब्ध कराया। तब सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सीएम ने दिया था जांच का आश्वासन

तूफान दा की मौत के बाद शव लेकर जेल अधिकारी पीरटांड़ पहुंचे थे तब ग्रामीण भड़क गए। शव को लेने से इन्कार कर दिया था। तब विधायक सुदिव्य कुमार सोने ने मृतक के भाई वीरेंद्र किस्कू की सीएम हेमंत सोरेन से बात कराई थी। सीएम ने जांच के लिए आश्वस्त किया था।


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