गांव बसा नहीं और भिखारी हाजिर... बेलगढ़िया में अवैध कब्जाधारियों को जेआरडीए ने दी चेतावनी
जेआरडीए आरएनआर पदाधिकारी अमर प्रसाद का कहना है कि सर्वे में गलत तरीके से क्वार्टर में रहने का मामला प्रकाश में आया है। जल्द ही वैसे लोगाें के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए संबंधित विभाग से भी राय शुमारी की जा रही है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। झरिया पुनर्वास एंव विकास प्राधिकार ने बेलगड़िया आवासीय कालाेनी में अवैध तरीके से रहनेवालाें को कानूनी कारवाई की चेतावनी जारी करते हुए जल्द से जल्द वहां से हटने को कहा है। इसको लेकर जेआरडीए प्रबंधन बिना आवास आवंटन के ही अवैध तरीके से क्वार्टर में रहनेवालाें के विरुद्ध नाेटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। जल्द ही सभी को नोटिस भेजा कर उनसे आवासों को खाली करने को कहा जाएगा। इसके लिए अग्नि व भूधंसान प्रभावित क्षेत्र के विस्थापिताें के लिए बने बेलगड़िया आवासीय कालाेनी में जेआरडीए द्वारा सर्वे कराया जा रहा है। जिसमें 25-30 क्वार्टर में अवैध तरीके से कब्जा का मामला प्रकाश में आया है। ये सभी ऐसे लाेग हैं जाे जेआरडीए के आवंटित आवास की सूची में शामिल नहीं हैं।
अब तक चार हजार आवास आवंटित
जेआरडीए द्वारा विस्थापिताें के लिए लगभग 4 हजार क्वार्टर आवंटित किया गया है, जिसमें 3700 परिवार ही रह रहे हैं। बाकी आवासों में लाेग कैसे रह रहे हैं, इसकाे लेकर जेआरडीए बेलगड़िया टाउनशिप का सर्वे करवा रहा है। जेआरडीए आरएनआर पदाधिकारी अमर प्रसाद का कहना है कि सर्वे में गलत तरीके से क्वार्टर में रहने का मामला प्रकाश में आया है। जल्द ही वैसे लोगाें के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए संबंधित विभाग से भी राय शुमारी की जा रही है। विधि विभाग से सहमति मिलते ही उपायुक्त के माध्यम से पत्र लिख कर अनुमंडल पदाधिकारी को इस आवासों को खाली करवाने की कारवाई की जाएगी। बेलगड़िया आवासीय काॅलाेनी में कितने क्वार्टर खाली हैं, इसका पता लगाने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। ताकि, विस्थापित परिवाराें काे शीघ्र पुनर्वासित किया जा सके। पुनर्वास याेजना में तेजी लाया जा सके।
सर्वे के दाैरान नहीं मिल रहे कब्जाधारी
जेआडीए प्रबंधन का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत सर्वे काे लेकर है। सर्वे टीम जब जांच के लिए पहुंच रही ताे क्वार्टर बंद मिल रहा है। आसपास के क्वार्टर में पूछने पर पता चल रहा है कि लाेग काम पर निकल गए हैं। ऐसे में उन क्वार्टर में रहनेवालाें के विभिन्न कागजाताें की सही से जांच नहीं हाे पा रही है।