CBSE की तर्ज पर प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति JPSC करेगा, तैयार हो रही नियमावली Dhanbad News
रि-एडमिशन में अलग-अलग नामों से स्कूलों में शुल्क लिया जाता है जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है। कोई भी निजी स्कूल रि-एडमिशन में अभिभावकों से शुल्क नहीं ले सकता है।
धनबाद, जेएनएन। राज्य के प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि झारखंड में आने वाले दिनों CBSE की तर्ज पर मध्य विद्यालय के स्कूलों के प्राधानाध्यापकों की नियुक्ति होगी। इसके लिए नियमावली तैयारी की जा रही है। नियुक्ति JPSC के माध्यम की जाएगी।
वरीय शिक्षकों को मिलेगी प्राथमिकता
सिंह ने धनबाद में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नियुक्ति के बाद स्कूलों में प्रधानाध्यापक की कमी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कार्यरत प्रभारी प्राधानाध्यापक या वरीय शिक्षकों को भी इसमें माैका मिलेगा। उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। सिंह रविवार को धनबाद में एक कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि रि-एडमिशन में अलग-अलग नामों से स्कूलों में शुल्क लिया जाता है, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है। कोई भी निजी स्कूल रि-एडमिशन में अभिभावकों से शुल्क नहीं ले सकता है। यदि ऐसी शिकायत मिलेगी तो फिर उस स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रि-एडमिशन की शिकायत डीसी से करें
रि-एडमिशन मामले की शिकायत अभिभावक सीधे उपायुक्त से करेंगे। यदि उपायुक्त स्तर से कोई समाधान नहीं निकलता है, तो फिर इसके लिए कमिश्नर है। उन्होंने कहा कि रि-एडमिशन को लेकर स्पष्ट निर्देश है और इसका पालन नहीं करने वाले स्कूलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल दस प्रतिशत से अधिक फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकते हैं। यह न्यायालय का भी आदेश है। यदि कोई निजी विद्यालय ऐसा करता है तो वह विभाग के साथ-साथ न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन करता है।
न्यायालय के आदेश के द आरटीई का होगा अक्षरश: पालन
आरटीई के बारे में कहा कि इसे हर हाल में लागू किया जाएगा। फिलहाल कई स्कूल इस मामले को न्यायालय में लेकर गए हैं। न्यायालय का आदेश आने के बाद आरटीई को अक्षरश: पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता शिक्षा में सुधार को लेकर विभाग की ओर से कई काम किए जा रहे हैं। आठवीं से लेकर बारहवीं तक की परीक्षा अब जैक के माध्यम से कराई जा रही है। इसका प्रभाव भी पड़ा और बच्चों में पढ़ाई को लेकर गंभीरता भी बढ़ी है। अकांक्षा की उपलब्धियों पर कहा कि इस बार अकांक्षा से 23 बच्चों ने जेइइ की परीक्षा पास कर अच्छे इंजीनियङ्क्षरग संस्थानों में दाखिला भी लिया है। उन्होंने कहा कि विभाग गुणवत्ता शिक्षा को लेकर कई तरह के प्रयास कर रहा है और इसमें सफलता भी मिल रही है।