Bermo Byelection 2020: झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के शिष्य ने बेरमो में डाला डेरा, आदिवासियों को बताएंगे सरकार की नाकामी
रमेश हांसदा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि झारखंड के आदिवासियों की हालत सुधारने का दावा करने का कांग्रेस के पास अधिकार नहीं है। 70 वर्षों में से 60 वर्ष तक देश में कांग्रेस ने शासन किया। इसके बावजूद आदिवासियों की हालत ज्यों की त्यों बनी रही।
बोकारो, जेएनएन। बेरमो उपचुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए भाजपा वह सभी प्रयास कर रही है जो कि उसे करना चाहिए। इस कड़ी में कोल्हान के आदिवासी नेता रमेश हांसदा को चुनाव मैदान में प्रचार के लिए उतार गया है। रमेश हांसदा किसी समय में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के शिष्य रहे हैं। उनके साथ पूरे राज्य में संगठन का काम किया है। पूर्ववर्ती रघुवर सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रिय थे और आदिवासियों के मामले में उनकी अनुशंसा पर सरकार काम कर रही थी।
अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रमेश को बेरमो चुनाव की जवाबदेही दी गई। वह इसलिए कि बेरमो में विधानसभा में संताल आदिवासियों की बड़ी आबादी है। जो परंपरागत तौर झामुमो को वोट करती रही है। अब उस वोट को भाजपा के पाले में लाने के लिए रमेश को मैदान में उतारा गया है। रमेश हांसदा ने गुरुवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नामांकन के साथ ही आदिवासी नेताओं को भ्रमित करने में लगी हुई है। झारखंड के आदिवासियों की हालत सुधारने का दावा करने का कांग्रेस के पास अधिकार नहीं है। 70 वर्षों तक देश में व 60 वर्ष तक राज्य में शासन किया। इसके बावजूद झारखंड के आदिवासियों की हालत ज्यों की त्यों बनी रही, आदिवासी और गरीब होते रहे।
आदिवासी नेता ने कहा कि कांग्रेस केवल आदिवासी की बात करती है। एक ऐसा काम जो कि आदिवासियों के लिए किया हो वह कांग्रेस के नेता बताएं। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, उनके परिवार का 25 वर्ष तक शासन रहा। बदले में क्या मिला? मोदी सरकार में आदिवासी के घर शौचालय, गैस का चुल्हा, पक्का मकान व घर में अनाज पहुंचा। आयुष्मान कार्ड मिला। बेरमो के आदिवासियों को विचार करना होगा कि उनके नाम पर अपना घर भरने वाला चाहिए या उनके लिए काम करने वाला।
रमेश हांसदा ने कहा कि झारखंड के आदिवासियों को बाबूलाल मरांडी जैसा अभिभावक मिल चुका है। अब आदिवासी किसी भी लोभ में नहीं फंसने वाले हैं। बेरमो विधानसभा उपचुनाव में भाजपा-आजसू के संयुक्त प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल की जीत भारी मतों से होगी। मौके पर त्रिलोचन मरांडी, नंदकिशोर किस्कू, आनंद बेसरा, बालेश्वर मुर्मू, विनोद मुर्मू, राधानाथ मरांडी आदि मौजूद थे।