JSPL: 7 साल पहले थर्मल पावर के लिए गोड्डा में ली 400 एकड़ जमीन, वापसी की नाैबत आई तो अब सोलर प्लांट का प्रस्ताव
प्रशासन ने अधिग्रहित जमीन को रैयतों को वापस करने के लिए राज्य सरकार को प्रतिवेदन भेजा था। इसके बाद जेएसपीएल ने थर्मल प्लांट के स्थान पर पावर प्लांट का प्रस्ताव सरकार को दिया है।
गोड्डा [ विनोद, गोड्डा ]। गोड्डा के सुंदरपहाड़ी स्थित जीतपुर कोल ब्लॉक के रद होने के बाद गोड्डा में जिदंल पावर प्लांट स्थापित होने की संभावना क्षीण होती जा रही है। ऐसे में कंपनी ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को गोड्डा के सुंदरपहाड़ी में ही 100 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है। कंपनी के कॉरपोरेट मामले के वाइस प्रेसिडेंट मित कुमार साहा ने गत सप्ताह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित मुख्य सचिव, उर्जा सचिव को सोलर पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है। उन्हें उम्मीद है कि इसे लेकरनये सिरे से सरकार के साथ एमओयू होगा।
तत्कालीन राष्ट्रपति ने किया था शिलान्यास
विदित हो कि वर्ष 2013 में जिंदल ग्रुप ने गोड्डा में 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। इसके लिए 55.85 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। तब के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गोड्डा के सुंदरपहाड़ी और सदर प्रखंड की निपनिया पंचायत की सीमा में 8500 करोड़ की लागत से 1320 मेगावाट के पावर प्लांट की आधारशिला रखी थी। पर सात साल बाद भी इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने अधिग्रहित जमीन को रैयतों को वापस करने के लिए राज्य सरकार को प्रतिवेदन भेजा था। ऐसे में कंपनी ने वहां थर्मल के बजाए सोलर पावर प्लांट स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जो हर दृष्टिकोण से बेहतर माना जा रहा है। दरअसल, जिंदल ग्रुप को पावर प्लांट के लिए सरकार ने जीतपुर कोल ब्लॉक आवंटित किया था। जिसे वर्ष 2014 में रद कर दिया गया था। अब उक्त कोल ब्लॉक अब अडानी पावर को दिया जा रहा है। इसके बाद भी जिंदल ग्रुप यहां सोलर प्लांट लगाने को तैयार है।
सदर प्रखंड और सुंदरपहाड़ी प्रखंड के कुल 216.15 एकड़ रैयती और 152.79 एकड़ गैर मजरूआ जमीन जिंदल ग्रुप ने अधिग्रहित की थी। जिंदल कंपनी ने उक्त जमीन पर सोलर पावर प्लांट के लिए प्रस्ताव दिया है। इस मामले में राज्य सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी
- रंजीत लाल, अपर समाहर्ता, गोड्डा।
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की ओर से गोड्डा में 100 सरकार को दिया गया है। पुनर्वास नीति 2008 के तहत कंपनी प्रतिबद्धता के तहत गोड्डा में काम रही है। यहां चिकित्सा, शिक्षा, और अन्य मद में सीएसआर राशि खर्च की जा रही है। सामाजिक कल्याण गतिविधियों के लिए मासिक पारिश्रमिक और अन्य खर्चों का लगातार भुगतान किया जा रहा है। लिहाजा अधिग्रहित भूमि को वापस करने जैसी कोई परिस्थिति नहीं है। अधिग्रहित जमीन पर सोलर प्लांट स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है। कंपनी की ओर से राज्य सरकार के अलावा जिला प्रशासन को भी प्रस्ताव की प्रति दी गई है।
- समित कुमार साहा, कॉरपोरेट मामले के वाइस प्रेसिडेंट, जेएसपीएल।