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मार्च 2022 तक पतरातू में 4000 MW बिजली उत्पादन, खत्म होगी डीवीसी पर निर्भरता Dhanbad News

तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन का एक्सटेंशन किया जाएगा। यहां से 1360 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। राज्य में बिजली की खपत को देखते हुए यहां 114 ग्रिड होना चाहिए था।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 09:38 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 09:38 AM (IST)
मार्च 2022 तक पतरातू में 4000 MW बिजली उत्पादन, खत्म होगी डीवीसी पर निर्भरता Dhanbad News
मार्च 2022 तक पतरातू में 4000 MW बिजली उत्पादन, खत्म होगी डीवीसी पर निर्भरता Dhanbad News

धनबाद [आशीष सिंह]। खनिज संपदा से भरपूर सूबे में अब बिजली की समस्या से दो चार नहीं होना पड़ेगा। राज्य इतना बिजली उत्पादन करने में सक्षम होगा, जिससे लोगों को 24 घंटे बिजली मिल सके। नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) के सहयोग से रामगढ़ जिले में स्थित पतरातू पावर प्लांट से 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। मार्च 2022 से पहला यूनिट काम करने लगेगा। इससे प्रतिदिन 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके बाद अगले छह-छह माह में 800-800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। सिर्फ यही नहीं चतरा जिले के करनपुरा पावर प्लांट से प्रतिदिन 500 मेगावाट बिजली मिलेगी। गोविंदपुर स्थित कांड्रा नेशनल ग्रिड के साथ-साथ राज्य की विभिन्न बिजली योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन करने धनबाद पहुंचे झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के एमडी राहुल पुरवार ने यह बात कही।

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तेनुघाट का एक्सटेंशन, 1360 मेगावॉट मिलेगी बिजलीः तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन का एक्सटेंशन किया जाएगा। यहां से 1360 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। राज्य में बिजली की खपत को देखते हुए यहां 114 ग्रिड होना चाहिए था। फिलहाल 46 ग्रिड से बिजली आपूर्ति की जा रही है। 16 नए ग्रिड का उदघाटन हो चुका है, अगले माह तक यहां भी बिजली आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इसके अलावा 39 नए ग्रिड पर भी जल्द ही काम शुरू होगा। चंदनकियारी, जैनामोड़, महोदा समेत छह ग्रिड से डीवीसी कमांड एरिया के सात जिलों में बिजली सप्लाई की जाएगी। इसमें धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ शामिल है। यहां डीवीसी पर निर्भरता लगभग खत्म हो जाएगी।

350 नए सब स्टेशनः बिजली वितरण यानी ट्रांसमिशन के लिए 39 परियोजनाओं पर काम हो रहा है। सभी घरों तक बिजली पहुंचाई जाएगी। हर घर तक निर्बाध रूप से बिजली मिले, इसके लिए राज्य में 350 नए सबस्टेशन बनाए जा रहे हैं। 130 में काम पूरा हो चुका है, शेष सबस्टेशन भी कुछ माह में बनकर तैयार हो जाएंगे।

किसानों के लिए अलग से 174 फीडरः घरेलू उपभोक्ताओं, उद्योगों और किसानों को समुचित बिजली मिले, इसके लिए सभी वर्ग के लिए अलग-अलग फीडर से बिजली आपूर्ति की जाएगी। राज्य के किसानों के लिए अलग से 174 फीडर बनाया जा रहा है। इसमें से 120 फीडर में काम पूरा हो चुका है। 54 फीडर में काम अंतिम चरण में है। इन फीडर से किसानों को सिंचाई एवं अन्य कार्यों के लिए छह से आठ घंटे बिजली मिलेगी।

पतरातू में बिजली उत्पादन इकाई का काम शुरू है। मार्च 2022 के प्रथम सप्ताह में पहले यूनिट से बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। जबकि दूसरी यूनिट से छह माह के अंतराल में उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। एक यूनिट की क्षमता आठ सौ मेगावाट होगी। डीवीसी पर निर्भरता लगभग खत्म हो जाएगी। हम राज्य में अगले कुछ सालों में बिजली उत्पादन भी करेंगे और दूसरे राज्यों को बेचेंगे भी।

- राहुल पुरवार, एमडी झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड


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