State Education Index: झारखंड देश में आठवें स्थान पर, संताल के पांच समेत राज्य के 12 जिले शैक्षणिक रूप से पिछड़े
Jharkhand Education Index केंद्रीय मंत्री ने संसद में बताया कि यूजीसी की कमेटी ने ऐसे जिलों की पहचान को एक मानत तय किया। इसमें सकल नामांकन अनुपात प्रति कालेज औसत नामांकन महाविद्यालय जनसंख्या अनुपात जैसे बिंदुओं को आधार बनाया। इसके बाद डाटा का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की गई।
अभिषेक पोद्दार, धनबाद। शिक्षा के मामले में हम बहुत पिछड़ते जा रहे हैं। झारखंड राज्य के 24 में से 12 जिले शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं। यह हम नहीं यूजीसी की रिपोर्ट बता रही है। हाल में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह तथ्य सामने आया है। जो 12 जिले शैक्षणिक रूप से काफी पिछड़े हैं, इनमें संताल के पांच जिले शामिल हैं। वहां का जामताड़ा ही इसमें शामिल नहीं है। दरअसल, बिहार की शिवहर की सांसद रमा देवी और यूपी के बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी ने सदन के पटल पर प्रश्न रखा था। तब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सदन में जानकारी दी कि यूजीसी की एक कमेटी ने देश में शैक्षणिक रूप से पिछड़े जिलों की पहचान की है। देश में 374 जिले ऐसे हैं, जो शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं।
इन मानकों के आधार पर हुई जिलों की पहचान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि यूजीसी की कमेटी ने ऐसे जिलों की पहचान को एक मानत तय किया। इसमें सकल नामांकन अनुपात, प्रति कालेज औसत नामांकन, महाविद्यालय जनसंख्या अनुपात जैसे बिंदुओं को आधार बनाया। इसके बाद डाटा का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की गई।
झारखंड के ये जिले हैं शैक्षणिक रूप से पिछड़े
दुमका, पाकुड़, गोड्डा, देवघर, साहिबगंज, चतरा, गढ़वा, गुमला, कोडरमा, गिरिडीह, पलामू व पश्चिमी सिंहभूम।
राजस्थान टाप पर, बिहार भी हमसे आगे
शैक्षणिक रूप से पिछड़े राज्यों के मामले में देश में राजस्थान टाप पर है। यहां 33 में से 30 जिले पिछड़े हुए हैं। यानी कुल मिलाकर यहां 91 फीसद जिले पिछड़े हैं। दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश हैैं, यहां 52 में से 39 यानी 76 फीसद, तमिलनाडु में 38 में से 27 यानी 71 फीसद, बिहार में 38 में से 25 जिले यानी 66 फीसद पिछड़े हैं। झारखंड इस सूची में 50 फीसद के साथ देश में आठवें पायदान पर है।
स्थितियां सुधारने की हो रही हर कोशिश
इन जिलों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 194 माडल डिग्री कालेज की स्थापना की जा रही है। 64 कालेज यूजीसी और 130 कालेज राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत खोले जाएंगे। वहीं राष्ट्रीय शिक्षा मिशन, आनलाइन कोर्स व पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षण मिशन शुरू किए गए हैं। समग्र शिक्षा कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। ताकि बच्चे विषयवस्तु को गहनता से समझ ज्ञानवद्र्धन कर सकें। सरकार की कोशिश है कि शिक्षक बच्चों को इस प्रकार से अध्ययन कराएं कि बच्चों की कक्षा रुचिपूर्ण हो जाए। 11.6 लाख स्कूलों के करीब 15.6 करोड़ छात्र-छात्राओं और 57 लाख शिक्षकों को शामिल किया गया है। ताकि शैक्षणिक स्तर में सुधार आ सके।