अब नहीं मानेंगे झारखंड के प्राइवेट स्कूल संचालक, दो मई से खोलने का किया एलान
कोविड-19 के कारण विगत 22 मार्च 2020 से प्रदेश के समस्त ने की विद्यालय बंद है। निजी विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका सहित शिक्षकेतर कर्मचारियों ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के भविष्य के लिए विद्यालय खोलने के लिए चार मांगों रखी गई है।
धनबाद, जेएनएन। शादी समारोह में 200 व्यक्ति आ जा सकते हैं तो विद्यालय में 50-100 बच्चे क्यों नहीं आ सकते? झारखंड सरकार के निर्देशानुसार आंगनबाड़ी की कक्षाएं चल सकती हैं तो निम्न व मध्यम वर्गीय निजी विद्यालय क्यों नहीं चल सकता है? इसलिए विद्यालय बंद करना कोई औचित्य नहीं है। इसे खोलने का आदेश दिया जाए। झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने यह मांग पीएमओ से लेकर मुख्यमंत्री तक की है। एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव राम रंजन कुमार सिंह और जिला सचिव इरफान खान ने जिला उपायुक्त, मुख्यमंत्री, पीएमओ, राज्यपाल सभी को ज्ञापन भेजा है।
25 मार्च, 2020 से बंद हैं प्राइवेट स्कूल
एसोसिएशन के सचिव इरफान ने मांग करते हुए कहा है कि प्रदेश के सभी विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को आर्थिक पैकेज दिया जाए। वहीं वैसे निजी विद्यालय जिनको यू डाइस प्राप्त है उन स्कूलों के भवन का किराया मार्च 2020 से अब तक सरकार के द्वारा भुगतान किया जाए साथ ही विद्यालय को यू डायस के आधार पर विद्यालय का बिजली बिल एवं विद्यालय वाहन का टैक्स को तत्काल प्रभाव से माफ किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण विगत 22 मार्च 2020 से प्रदेश के समस्त ने की विद्यालय बंद है। निजी विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका सहित शिक्षकेतर कर्मचारियों ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के भविष्य के लिए विद्यालय खोलने के लिए चार मांगों रखी गई है।
1 मई को मानव श्रृंखला बनाकर किया जाएगा विरोध
सुनवाई नहीं होने के कारण एक मई को राज्य में जिला स्तर पर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज किया जाएगा। दो मई को प्रदेश के सभी निजी विद्यालय सरकार के एसओपी के अनुसार खोलकर संचालित किए जाएंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी। इसकी पूर्व सूचना प्रदेश के समस्त जिला उपायुक्त, विधायक, सांसद, पीएमओ, राज्यपाल, राष्ट्रपति को दी जा रही है।