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CSIR-CIMFR: झारखंड के राज्यपाल का पेट्रोल-डीजल के नए विकल्प पर जोर, कहा-नए आविष्कार से आएगा बड़ा बदलाव

Ramesh Bais झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (CSIR-CIMFR) के वैज्ञानिकों से कहा है कि पेट्रोल डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। लोग इलेक्ट्रिक वाहन की ओर बढ़ गए हैं। ऐसे वक्त में नए आविष्कार बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 04:29 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 06:23 AM (IST)
CSIR-CIMFR: झारखंड के राज्यपाल का पेट्रोल-डीजल के नए विकल्प पर जोर, कहा-नए आविष्कार से आएगा बड़ा बदलाव
सिंफर के प्लैटिनम जुबली समारोह में बोलते राज्यपाल रमेश बैस ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता धनबाद। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने बगैर किसी लाग-लपेट के बड़ी बात कह दी है। कहा है-पेट्रोल डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। लोग इलेक्ट्रिक वाहन की ओर बढ़ गए हैं। ऐसे वक्त में नए आविष्कार बड़ा बदलाव ला सकते हैं। वैज्ञानिकों को नए विकल्प और आविष्कार पर काम करने की जरूरत है। नए विकल्पों को लेकर उम्मीद जताते हुए कहा है-कई बार अखबारों के माध्यम से यह पता चलता है कि एक सामान्य से मिस्त्री ने पानी से चलने वाले गाड़ी का आविष्कार कर दिया है। अगर एक सामान्य मिस्त्री ऐसा कर सकता है तो क्या वैज्ञानिक ऐसा नहीं कर सकते ?

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वह मंत्र का वक्त और यह यंत्र का जमाना

राज्यपाल वैस बुधवार को धनबाद दाैरे पर थे। वे केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान ( CIMFR) के प्लैटिनम जुबली समापन समारोह में बताैर मुख्य अतिथि शरीक हुए। वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में मैं जब मंत्री था तो मेरे पास खनन का भी प्रभार था। उस दौरान मैंने देश दुनिया के कई खनन क्षेत्रों का दौरा किया था। पर इस क्षेत्र ( धनबाद कोयलांचल) में पहली बार आया हूं। उन्होंने कहा कि तंत्र-मंत्र और यंत्र दुनिया को आगे ले जा रहा है। रामायण काल की बात करें तो उस वक्त रावण के पास हवाई जहाज था जो मंत्र से चलता था। वर्तमान में भी हवाई जहाज हैं जो यंत्र से चलते हैं। महाभारत काल में संजय सब कुछ देखता था और अब हम टेलीविजन पर देखते हैं। वह मंत्र का वक्त था और यह यंत्र का जमाना है।

कोयले का आयात कम करने पर जोर

कहा के कोयले का प्रचूर भंडार होने के बावजूद कोयला आयात करना पड़ रहा है। विज्ञानी इस क्षेत्र में और शोध करें ताकि आयात करने से की जरूरत ना पड़े और करोड़ों का राजस्व विदेशों को न जाए। उन्होंने कहा कि हम जो शर्ट पहनते हैं उसके कॉलर का पेटेंट भी विदेश के पास है। ऐसा नहीं है कि हमारे देश के विज्ञानी नए शोध और आविष्कार नहीं कर रहे हैं। पर उन आविष्कारों को पेटेंट या मान्यता नहीं मिलने मिल पा रही है। नए रिसर्च करें और उसे मान्यता दिलाने की भी कोशिश करें।

चेन्नई स्थित संयंत्र का आनलाइन उद्घाटन

इसके साथ ही सिंफर की मदद से चेन्नई में विकसित संयंत्र का भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ऑनलाइन उद्घाटन हुआ। विज्ञानियों ने घरेलू कचरा के तरल पदार्थ से पोटाश निष्कासन के लिए पायलट संयंत्र तैयार किया है। इसकी स्थापना चेन्नई में हुई है। इस संयंत्र की सफलता के बाद देश के दूसरे शहरों में भी इसे विकसित किया जा सकता है।

समारोह में उपस्थिति

समारोह को नीति आयोग के सदस्य पदमश्री डॉ वीके सारस्वत, सांसद पशुपतिनाथ सिंह, सिंफर रिसर्च काउंसिल के अध्यक्ष प्रोफेसर एस द्वारकादास सिंफर निदेशक डा प्रदीप कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।अतिथियों ने तकनीक आधारित दो पुस्तकों का भी विमोचन किया।


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