Jharkhand Lockdown: हेमंत सरकार के फैसले से खिल उठे थे दुकानदारों के चेहरे; वापिस मुरझा गए, ये है मुख्य वजह
हेमंत सरकार ने अनलॉक-5 में दुकानदारों के पक्ष में निर्णय सुनाया। दुकान इससे गदगद भी हुए। उनकी ये खुशी मायूसी में बदल गई। दुकान का समय तो बढ़ गया लेकिन उनकी दुकानदारी रफ्तार नहीं पकड़ी। फैसला तो हक में आया लेकिन जैसी उम्मीद थी दुकानदारी चली नहीं।
जागरण संवाददाता, धनबाद : Lockdown, Lockdown News, July 10, Unlock Guidelines, झारखंड सीएम के फैसले से भले धनबाद के दुकानदारों को राहत मिली। धनबाद चैंबर के लोगों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। व्यवसायियों को यह लग रहा था कि इससे उनकी दुकानदारी चमकेगी। राज्य में आनलाक पांच चल रहा है। इसमें दुकानदारी का समय संध्या चार बजे से बढ़ाकर रात आठ बजे तक कर दिया गया है। इसके बावजूद भी धनबाद का कारोबार रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। खाद्य सामग्री को छोड़ दें कपड़ा, ज्वेलरी, वाहन आदि के बाजारों में रौनक नहीं है। व्यापारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में व्यापार को गति मिलेगी।
चेहरे की खुशी छिनने के ये बने बड़े कारण
मंदा है कपड़ा का धंधा : पुराना बाजार में कपड़ा का कारोबार करने वाले संजय अग्रवाल ने बताया कि लाक डाउन में दुकान बंद रहने के कारण पहले से कारोबार बैठा हुआ था। अनलाक में दुकानदारी की अनुमति तो मिली पर ग्राहक नहीं पहुंच रहे थे। उनका मानना है कि आनलाइन मार्केटिंग और लोगों के पास पैसा नहीं रहने के कारण यह दिक्कतें हुई हैं। वहीं शादी विवाह समेत अन्य आयोजनों में लोगों की कम उपस्थिति भी इसका एक कारण बनी है। ऐसे में अनलाक पांच में अधिक छूट होने के कारण अब थोडी रफ्तार कारोबार में दिखाई दे रहा है।
ज्वेलरी कारोबार 30 फीसद कम : सोना-चांदी के गहनों का कारोबार करने वाले विशाल ने कहा कि आम दिनों की अपेक्षा यहां 30 फीसद की गिरावट देखने को मिल रही है। सोना का भाव गिरा हुआ है। शुद्धता को लेकर हालमार्क भी जरुरी कर दिया गया है, लेकिन ग्राहकों का रूझान कम है। शादी विवाह की ज्यादा खरीदारी हो रही है। आने वाले दिनों में कुछ बेहतर की उम्मीद है।
बढ़े टैक्स ने लागा दी ब्रेक : चार पहिया वाहन कारोबार की मानें तो सरकार की ओर से टैक्स बढ़ा दिए जाने के कारण वाहनों की बिक्री पर इसका सीधा असर पड़ा है। लाकडाउन के बाद चार पहिया वाहनों की बुकिंग और खरीद-बिक्री अधिक हो रही थी, लेकिन अचानक से टैक्स बढ़ने के कारण इस पर ब्रेक लग गया। एक लग्जरी गाड़ी की कीमत पर कम से कम 80 हजार रुपये का लोड़ ग्राहक पर पड़ा है। ऐसे में इस कारोबार को संभलने में थोड़ा वक्त लगेगा।