झारखंड ने कोल इंडिया की इकाई ईसीएल पर की बड़ी कार्रवाई, लगाई कोयले की ढुलाई पर रोक; जानें पूरा मामला
गोड्डा जिला वन पदाधिकारी ने ईसीएल की राजमहल परियोजना पर अक्टूबर एवं नवंबर माह के कोयला परिवहन के लिए 13 करोड़ 36 लाख रुपये का दावा ठोक दिया है। शुल्क अदा न करने पर कोयले का परिवहन रोकने का आदेश दे दिया गया है।
गोड्डा, जेएनएन। झारखंड सरकार ने कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। झारखंड राज्य में ईसीएल की खदानों से कोयले के परिवहन पर रोक लगा दी गई है। यह रोक ईसीएल द्वारा झारखंड को झारखंड वनोपज अभिवहन विनिमय नियमावली 2020 के तहत परिवहन शुल्क भुगतान नहीं करने पर लगाई गई है। झारखंड में 1 अक्टूबर 2020 से राज्य वनोपज अभिवहन विनिमय नियमावली लागू है। इसके तहत बीते अक्टूबर और नवंबर माह के लिए वन विभाग ने यहां ईसीएल पर 13.36 करोड़ रुपया परिवहन शुल्क लगाया है। यह शुल्क राज्य के खजाने में जमा कर रसीद समर्पित करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस के बाद भी ईसीएल प्रबंधन की ओर ओर से राशि जमा नहीं करने पर सूबे के वन सचिव के आदेश पर तत्काल ईसीएल की कोयला ढुलाई पर रोक लगा दी गई है।
राज्य सरकार ने कोयला खनिज को वन पदार्थ मानते हुए झारखंड वनोपज अभिवहन विनियमन नियमावली 2020 के तहत उक्त कार्रवाई की है। जिले में कार्यरत ईसीएल की राजमहल परियोजना के लिए अब नई मुसीबत सामने आ गई है। मामले को लेकर जिला वन पदाधिकारी ने ईसीएल की राजमहल परियोजना पर अक्टूबर एवं नवंबर माह के कोयला परिवहन के लिए 13 करोड़ 36 लाख रुपए का दावा ठोक दिया है। शुल्क अदा न करने पर कोयले का परिवहन रोकने का आदेश दे दिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए राजमहल परियोजना प्रबंधन ने कोयले का ट्रांसपोर्टेशन सड़क एवं रेल दोनों मार्ग से बंद कर दिया है जिससे कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही एनटीपीसी को कोयला नहीं मिलने से उसकी पावर प्लांट इकाइयों पर संकट गहरा गया है।
दरअसल झारखंड सरकार के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने गत 29 जून को अधिसूचना संख्या 1715 में झारखंड के वन भूमि में होने वाले वनोपज पर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 2 (4) बी के तहत सभी प्रकार के वन उत्पाद, लघु व वृहद खनिज जिनमें पेट्रोल, गैस आदि भी शामिल है, के परिवहन पर परिवहन अनुज्ञप्ति प्राप्त करते हुए निर्धारित शुल्क लगाया गया है। यह शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है।
- विभिन्न मद में निर्धारित शुल्क
- कोयला, लौह अयस्क सहित अन्य खनिज - ₹ 57 प्रति टन
- बालू, पत्थर, मोरम -35 रुपए प्रति घन मीटर
- टिंबर - 100 रुपए प्रति घन मीटर
- जलावन सामग्री - 25 रुपए प्रति घन मीटर।
क्या कहते ईसीएल के अधिकारी
फिलहाल राजमहल परियोजना द्वारा वन क्षेत्र से कोयले का उत्पादन नहीं हो रहा है। ऐसे में शुल्क ना लगाने को लेकर आवेदन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस उत्पन्न विवाद के कारण एनटीपीसी को जहां कोयले की आपूर्ति बंद है, वही स्टॉक जमा रहने से इसमें आग लगने की संभावना बढ़ गई है।
देवेंद्र कुमार नायक, राजमहल परियोजना के महाप्रबंधक प्रभारी
झारखंड सरकार के निर्देश के आलोक में ट्रांजिट शुल्क की वसूली के लिए ईसीएल प्रबंधन को राशि जमा करने का नोटिस तीन दिन पूर्व ही दिया गया है। इससे पहले भी विभाग के सचिव की वीसी में इस मसले पर स्पष्ट निर्देश दिया गया था। अभी दो माह का ट्रांजिट शुल्क जमा नहीं करने पर तत्काल कोयला के परिवहन पर रोक लगाई गई है।
- पीआर नायडू, डीएफओ, गोड्डा।