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Bokaro: पूर्व मंत्री उमाकांत ने बीएसएल को दी सीधी चुनौती; विस्थापितों की मांग पूरी करें, नहीं तो आर-पार की लड़ाई के लिए रहे तैयार

पूर्व मंत्री उमाकांत रजक ने बीएसएल प्रबंधन को सीधी चुनौती दी है। इस बार वह आर पार की लड़ाई के मूड में है। कहां प्रबंधन को जगाने के लिए बल का प्रयोग करना होगा। बहुत समय दे दिया गया लेकिन प्रबंधन के कान में जूं तक नहीं रेंगा।

By Atul SinghEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 07:45 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 07:45 PM (IST)
Bokaro: पूर्व मंत्री उमाकांत ने बीएसएल को दी सीधी चुनौती; विस्थापितों की मांग पूरी करें, नहीं तो आर-पार की लड़ाई के लिए रहे तैयार
विस्थापितों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा, प्रबंधन जल्द उनकी मांग पूरी करें।

जागरण संवाददाता, बोकारो: आज बोकारो इस्पात संयंत्र यहां स्थापित है। इस देश की धरोहर को स्थापित कराने के लिए विस्थापितों ने अपना सबकुछ दे दिया। अब प्रबंधन व सरकार की जवाबदेही है कि विस्थापितों के साथ न्याय करते हुए उन्हें उनका कानूनन हक दे। वरना साठ वर्षों से शांत विस्थापितों को उग्र होने से कोई रोक नहीं सकता है।

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हमारे पूर्वजों ने देश के विकास में अहम योगदान दिया। अब हमारी मांग है कि संयंत्र के संचालन में हमारी भागीदारी हो, चूंकि यहां के संसाधनों में हमारा पहला हक है। यह कहना है  पूर्व मंत्री व सह मुख्य संरक्षक उमाकांत रजक का। रजक रविवार को सेक्टर चार मैदान में आयोजित विस्थापित समागम में बोल रहे थे।  रजक ने कहा कि विस्थापित समागम में आये विस्थापितों के बहे पसीना का न्याय दिलाएंगे। यदि जरूरत पड़ेगा तो अपना खून भी देंगे। लेकिन विस्थापित अधिकार, सम्मान एवं मांग से समझौता नहीँ करेंगे। प्रबंधन को बाध्य कर देंगे। बस समागम मिले समर्थन जैसा समर्थन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि प्रबंधन को मांगे लागू करने के लिए बहुत समय दिया है। लेकिन इसके कान में जूं नही रेंगा है। इसे जगाने के लिए थोड़ी सी बल विस्थापित लगाएंगे। इसके बाद प्रबंधन को हमारी हर मांग को पूरा करना होगा। कहा कि विस्थापितो को सम्मान के साथ अधिकार देना होगा। जमीन देकर विस्थापित अब दर दर की ठोकर नही खाएंगे। एशिया का बड़ा कारखना बनाया है।  इसका लाभ का एहसास विस्थापितों को होना चाहिए। यह सुनिश्चित जब तक बीएसएल नही करेगा, तब तक विस्थापित चुप बैठने वाले नही है।

प्रमुख मांगे

1.बोकारो के 20 विस्थापित गांवों में पंचायत च चुनाव

2. अनुपयोगी  जमीन को रैयत को वापस किया जाय

3. शतप्रतिशत चतुर्थ वर्गीय नौकरी विस्थापितों को मिले

4. अप्रेंटिस  के बाद सीधी नौकरी मिले।

5. ठेका, व्यवसायिक प्लाट विस्थापितों को मिले।

आगे के आंदोलन की हुई घोषणा 

बोकारो विस्थापित मंच सरकार को उसके विस्थापित दायित्व को स्मरण कराने के सीएम-राज्यपाल से दुर्गा पूजा तक मंच मिलेगा। उसके बाद 20 अक्टूबर को उपायुक्त कार्यालय पर 20 अक्टूबर को धरना एवं 27  अक्टूबर को प्लांट के अंदर ई डी बिल्डिंग पर  प्रदर्शन करेंगे।

प्रबंधन को घेरने का चक्रव्यू बनाएंगे विस्थापित 

मुख्य संयोजक सह पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल ने कहा कि मंच के माध्यम से प्रबंधन को मांग भी दिया। और समय भी  दिया। लेकिन आग्रह को प्रबंधन ने विस्थापितों की कमजोरी समझ लिया है। उसे इसका खामियाजा प्रबंधन को भुगतना पड़ेगा। विस्थापित समझ चुके हैं।उन्होने कहा कि मंच प्रबन्धन को ऐसा चक्रव्यूह में घेरेगा कि प्रबंधन को कोई बचाने वाला नही मिलेगा। विस्थापितों के पैरों तले पनाह मांगना पड़ेगा। प्रबंधन ने जनप्रतिनिधि के माध्यम से जमीन लूट का रास्ता बनाया है। हॉस्पिटल बीजीएच में बनना चाहीये। लेकिन सेक्टर  12 में बन रहा है। यह जमीन लूट का साजिश है। नरकेरा में स्टेडियम बनाकर जमीन का व्यवसाय बढ़ाने का योजना है। जिसे विस्थापित जान रहे हैं। प्रबंधन  जनप्रतिनिधि का गठजोड़ का पर्दा फ़ाश हो चुका है। मुख्य सलाहकार साधु शरण गोप ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून लागू करो, चतुर्थ श्रेणी के पद का आरक्षण, अप्रेंटिस की सीधी बहाली , विस्थापित कर्मचारी सेल का गठन मांग नही है । सभा के अध्यक्षता कर रहे संयोजक हाकिम प्रसाद महतो ने कहा कि विस्थापित एकता के लिए हुई जुटान में विस्थापितों का जोश ने विस्थापितों की उज्ज्वल  भविष्य की बुनियाद रख दिया है। अब विस्थापित नेतृव विहीन नही रहेंगे। नेतृत्व विहीन से प्रबंधन बच के निकल जाता था। अब प्रबन्धन के लिए बच निकलना मुश्किल होगा। विस्थापित अस्तित्व को लेकर बोकारो विस्थापित मंच के बैनर तले आयोजित विस्थापित समागम रविवार को स्व. अकलू राम महतो एवं स्व. इमामुल हई खान की स्मृति में टिकैत मन मोहन सिंह खेलाचंडी मैदान सेक्टर 4 में सम्पन्न हुआ।

ये रहे मौजूद 

मौके पर  चास प्रमुख सरिता देवी, मुख्य सलाहकार साधु शरण गोप,  गुलाब चंद्र, हाजी हसनुल्ला अंसारी, बायसी सदर मन्नान अंसारी, हसनुल्लाह अंसारी, सहदेव साव, रघुनाथ महतो, मुखिया मंतोष सोरेन, मुखिया मुख्तार अंसारी, डोमन राम महतो, अरुण महतो, धीरेन्द्र नाथ गोस्वामी, अयूब अंसारी, अजय कुमार कुशवाहा, टीना देवी, मिस्वाउद्दीन अंसारी, सचिन महतो, इरफान अंसारी, अयाज अंसारी, जियाउल हक़, मीना देवी, लखन सोरेन, रंजीत महतो, सुनील महतो, बधन शर्मा, गुप्ता रजवार, सुधीर हरि, शंकर लाल गोप, अजय महतो, भगवान साहू, हक़ बाबू,  चंद्रकांत महतो, महानंद गुप्ता, चौहान महतो, सरोज महतो, भैरव महतो, प्रताप सिंह, धर्मेंद्र महतो, अलाउद्दीन अंसारी, ने भी सम्बोधित किया।।


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