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Jharkhand Cyber Criminals: बाप बेच रहा ताड़ी, बेटा धनकुबेर; पढ़ें अपराध की कमाई से ठाट-बाट की कहानी

Jharkhand Cyber Criminals देवघर व जामताड़ा जिले में साइबर अपराधियों का जाल फैलता जा रहा है। रातों रात लखपति बनने की ख्वाहिश में बरोजगार युवा अपराध की दुनिया में शामिल हो रहे हैं। अजीत चौधरी उर्फ गुडडू चौधरी रंजीत पंडित राजीव कुमार व अफजल अंसारी भी ऐसे ही अपराधी हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 08:23 AM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 08:23 AM (IST)
Jharkhand Cyber Criminals: बाप बेच रहा ताड़ी, बेटा धनकुबेर; पढ़ें अपराध की कमाई से ठाट-बाट की कहानी
साइबर अपराधी अजीत ने दो लाख खर्च कर बनवाया स्नानागार (फोटा जागरण)।

देवघर [ कंचन सौरभ मिश्रा ]। Jharkhand Cyber Criminals सारठ के किशन चौधरी। किशन मूल रूप से बिहार के मुंगेर के घोंघा गांव निवासी हैं। पांच दशक पहले किशन के पिता मधु चौधरी सारठ आए थे। एक झोपड़ी बनाई और ताड़ी बेचने लगे। आज भी वे ताड़ी बेच रहे हैं। बचपन से गरीबी की छांव में पला बढ़ा उनके बेटे अजीत को ईमानदारी की जिंदगी रास नहीं आई थी। देवघर और जामताड़ा में साइबर अपराध से चुटकियों में लाखों कमा लेने वाले अपराधी उसके रोल मॉडल बन गए। बस क्या था, अपने साथी राजीव के साथ वह भी इसी राह पर चल पड़ा। अपराध की दुनिया में कदम रखते ही काली कमाई आने लगी। हाल में पुलिस ने अजीत और उसके तीन अन्य साथियों के घर जब छापेमारी की तो अधिकारियों के भी होश फाख्ता थे। इन अपराधियों ने साइबर अपराध से लाखों की संपत्ति अॢजत की। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अजीत ने अपने घर का स्नानागार बनाने में दो लाख की रकम खर्च कर दी है।

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जामताड़ा के बाद देवघर में फैलता जा रहा साइबर अपराधियों का जाल

देवघर व जामताड़ा जिले में साइबर अपराधियों का जाल फैलता जा रहा है। रातों रात लखपति बनने की ख्वाहिश में बरोजगार युवा अपराध की दुनिया में शामिल हो रहे हैं। सारठ थाना क्षेत्र के निवासी अजीत चौधरी उर्फ गुडडू चौधरी, रंजीत पंडित, राजीव कुमार व अफजल अंसारी भी ऐसे ही अपराधी हैं। राजीव व अफजल को पुलिस ने हाल में गिरफ्तार कर जेल भेजा है। अजीत व रंजीत की तलाश हो रही है।

शानोशौकत देख दंग रह गए पुलिस अधिकारी

हाल में अजीत की तलाश में पुलिस उसके घर गई। वहां की शानोशौकत देख वे भी दंग थे। अजीत नया घर बनवा रहा है। घर के चारों ओर चारदीवारी है। बाथरूम ही करीब दो लाख की लागत से बना है। अंदर बागवानी का नजारा दिखा। दूसरी ओर उसके पिता किशन चौधरी आज भी ताड़ी बेच रहे हैं। उनका छोटा बेटा इस काम में उनकी मदद करता है। किशन ने बताया कि अजीत महीनों से वह घर नहीं आया है। पुलिस का कहना है कि साइबर अपराध से उसने जमीन, घर, कार व अन्य सुविधाएं अॢजत की हैं। गांव में दो बीघा जमीन भी खरीदी है। इसमें फार्म हाउस बनाने की तैयारी है। इतनी संपत्ति कहां से आई इस बारे में उसके स्वजनों के पास कोई जवाब नहीं है।

पिता बेचते मिट्टी के बर्तन, बेटे के पास हाइवा

कुछ ऐसा ही हाल रंजीत पंडित का है। रंजीत कभी बेहद गरीब था। आज भी उसके परिवार का नाम बीपीएल सूची में दर्ज है। पिता जादू पंडित मनरेगा मजदूर हैं। उनके पांच बेटे हैं। खेती के लिए पुश्तैनी जमीन मात्र 12 कट्ठा  है। गांव में मिट्टी के बर्तन बेच परिवार का गुजारा होता है। रंजीत ने साइबर अपराध में क्या कदम रखा कि घर का नक्शा ही बदल गया। अब रंजीत के पास हाइवा है, कार है, कई जगहों पर घर व जमीन है।

राजीव ने भी कमाई अकूत संपदा

राजीव कुमार के पिता राशन डीलर थे। साइबर ठगी से राजीव व उसके भाई संजय मंडल के पास कार है। बड़ा घर व जमीन भी बना ली है। इन दोनों भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। राजीव ने अपनी पत्नी को 2015 में जिला परिषद के चुनाव में खड़ा किया था। तब काफी रकम खर्च की थी। उसका साथी अफजल अंसारी हाल में पुलिस के  हत्थे चढ़ा है। वह भी लाखों की संपत्ति का मालिक है। इन साइबर अपराधियों की काली कमाई जमीन, ठेकेदारी व खनन के कारोबार में भी निवेश की गई है।

साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं। कुछ पकड़े गए हैं, अन्य की तलाश हो रही है। यह एक सामाजिक अपराध है। अभिभावक अपने बच्चों पर नजर रखें। उनके पास कहां से पैसा आ रहा है इसकी जानकारी रखें। हर अपराधी को उसके किए की सजा जरूर मिलती है। पुलिस साइबर अपराधियों पर लगाम के लिए हर उपाय कर रही है।

-अश्विनी कुमार सिन्हा, एसपी, देवघर


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