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क्या चाहती हैं सीता सोरेन की बेटियां ? आबुआ राज के लिए JMM के गढ़ दुमका में भरी हुंकार

Jharkhand Politics झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भतीजी इन दिनों चर्चा में हैं। अपने पिता स्व. दुर्गा सोरेन के नाम पर दुर्गा सोरेन सेना का गठन किया है। इसके बैनर तले राज्य में राजनीतिक गतिविधियां चला रही हैं। इसे लेकर तरह-तरह के मायने निकाले जा रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 07:59 AM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 11:11 AM (IST)
क्या चाहती हैं सीता सोरेन की बेटियां ? आबुआ राज के लिए JMM के गढ़ दुमका में भरी हुंकार
दुर्गा सोरेन सेना के सम्मेलन को संबोधित करती जयश्री सोरेन ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, दुमका। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दोनों भतीजी-जयश्री और राजश्री ने भी राज्य की राजनीति में कदम बढ़ा दिए हैं। अपने पिता स्व. दुर्गा सोरेन के नाम पर दुर्गा सोरेन सेना गठित करने के बाद लगातार सक्रिय हैं। इनकी मां सीता सोरेन झामुमो महासचिव के साथ ही दुमका के जामा से विधायक हैं। कभी सीता के पति दुर्गा सोरेन भी जामा से विधायक हुआ करते थे। दोनों बेटियों की राजनीतिक सक्रियता को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। आखिर दोनों क्या चाहती हैं? झारखंड की राजनीति में क्या मुकाम हासिल करना चाहती हैं?

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झारखंड निर्माण का उद्देश्य पीछे छूट गया

बिरसा मुंडा की जयंती व झारखंड राज्य स्थापना की 21 वीं वर्षगांठ के मौके पर सोमवार को दुमका के एयरपोर्ट क निकट दुर्गा सोरेन सेना के प्रमंडलीय सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करती डीएसएस की केंद्रीय अध्यक्ष जयश्री सोरेन ने कहा कि आबुआ राज सपना अब भी अधूरा है। जयश्री ने कहा कि आज भले ही झारखंड 21 साल का युवा हो चुका है लेकिन यहां के गरीब, आदिवासी, दलित अब भी दबे कुचले हैं। जयश्री ने कहा कि जिस उद्देश्य से आंदोलन और संघर्ष के बदौलत अलग झारखंड राज्य की स्थापना की गई थी वह पीछे छूट गया है।

दुर्गा सोरेन सेना लड़ेगी अधिकारों की लड़ाई

जयश्री ने कहा कि स्व.दुर्गा सोरेन के सपनों को साकार करने के लिए उनके नाम पर दुर्गा सोरेन सेना नाम से एक सामाजिक संगठन की स्थापना की गई है। कहा कि अब डीएसएस के जरिए यहां के आदिवासी, दलित व दबे-कुचलों के हक व अधिकारों की लड़ाई लड़ी जाएगी। जल, जंगल और जमीन को बचाने की पहल तेज होगी। कहा कि झारखंड के आमजनों की अस्मिता और सम्मान की रक्षा अब डीएसएस के जरिए किया जाएगा। कहा कि आने वाले दिनों दुर्गा सोरेन सेना जनहित के मुद्दों व इनकी समस्याओं के निदान के लिए जनआंदोलन करेगी। इसके लिए तेजी से सांगठनिक विस्तार किया जा रहा है। कहा कि प्रमंडलीय सम्मेलन में संताल परगना के सभी छह जिलों के जिला प्रभारियों की घोषणा कर दी गई है। इसके अलावा प्रखंड स्तर पर भी प्रभारियों के नाम की घोषणा की जा रही है। कहा कि आने वाले दिनों में दुर्गा सोरेन सेना मिशन मोड में राज्य की जनता के हक व अधिकारों की लड़ाई लड़कर इनकी अस्मिता की रक्षा करेगी।

छोटी बेटी राजश्री की भी रही भागीदारी

सम्मेलन की अध्यक्षता दुधानी पंचायत के मुखिया व डीएसएस के मुख्य संयोजक चंद्रमोहन हांसदा ने की जबकि संचालन केंद्रीय पर्यवेक्षक बिरसा हांसदा ने की। इससे पूर्व दुर्गा सोरेन सेना की केंद्रीय अध्यक्ष जयश्री सोरेन की अगुवाई में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धाजंलि अपर्ति की गई। जबकि कार्यक्रम स्थल पर स्व.दुर्गा सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मौके पर दुर्गा सोरेन सेना की केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजश्री सोरेन समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।

दुर्गा के निधन के बाद हेमंत ने दी झामुमो को नई दिशा

सोरेन परिवार झारखंड सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार है। झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन अब भी पार्टी के अध्यक्ष हैं। हालांकि अब सभी निर्णय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही लेते हैं। जबतक दुर्गा सोरेन थे झामुमो में शिबू सोरेन के बाद उनका बड़ा कद था। उनके निधन के बाद झामुमो में पार्टी सुप्रीमो के छोटे बेटे हेमंत सोरेन ने तेजी से पकड़ मजबूत की। राज्य की राजनीति में अपना आधार बढ़ाया। अब दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन और उनकी बेटियां झारखंड की राजनीति में अपना स्थान बनाने में जुट गई हैं।


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