Jharkhand BJP: अब बूथ तक चलेगा प्रदेश नेतृत्व का हुक्म, बाबूलाल की नसीहत का दिखने लगा असर
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने धनबाद में कार्यकर्ता सम्मेलन में संगठनात्मक पुनर्गठन प्रक्रिया में विलंब पर चिंता जताई थी। इसके बाद लंबित कमेटियां घोषित कर दी गई। तमाम जिला अध्यक्ष को रांची बुलाकर उनसे पूछा गया कि उन्होंने निचले स्तर तक अपनी कमेटियां गठित की अथवा नहीं।
धनबाद, जेएनएन। अब भाजपा प्रदेश कमेटी का हुकुम सीधे तौर पर बूथ कमेटी तक चलेगा हाल ही में रांची में जिला अध्यक्षों व जिला प्रभारियों की बैठक में यह दिशा निर्देश दे दिया गया इंटरनेट मीडिया के जरिए पार्टी पहले ही जिला स्तर के कार्यकर्ताओं पर मजबूत पकड़ बना चुकी है। अब वह बूथों तक पहुंचने की जुगत में है। सभी मंच मोर्चा की कॉमेडी आ मंडल व बूथ स्तर तक बनाई जाएंगी। इनमें उन कार्यकर्ताओं का समायोजन होगा जिन्हें अभी तक कोई दायित्व नहीं दिया गया है। ऐसा करके भारतीय कार्यकर्ताओं के आक्रोश को शांत करने का प्रयास करेगी। धनबाद ग्रामीण जिला भाजपा अध्यक्ष ज्ञान रंजन सिन्हा के भाषण का लब्बोलुआब यह था। वह पार्टी कार्यकर्ताओं को जिला कार्यालय में संबोधित कर रहे थे।
सिन्हा ने कहा अब सभी स्तर की बैठकों की तिथि तय होगी और उसकी सूचना ऊपर स्तर तक देनी होगी। उन्होंने मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं तक को प्रदेश के दिशा निर्देश से अवगत कराया और बैठकों की तिथियां तय की। इसके अनुसार प्रत्येक माह की 5 तारीख को जिला स्तर पर मंडल अध्यक्षों सहित जिला पदाधिकारी एवम मोर्चा जिलाध्यक्षों की बैठक होगी। 8 तारीख को मंडल कार्यसमितिया अपनी बैठके करेंगी, 12 तारीख को पंचायत स्तर पर शक्ति केंद्र की बैठक तथा 15 तारीख को बूथ स्तर पर बूथ कमेटियों की बैठक आयोजित करने को कहा गय। यह निर्णय मार्च से लागू करने का निर्णय लिया गया। तब तक एक सप्ताह में सभी को कमेटियां गठित करने को कहा गया है। बैठक में जिलाध्यक्ष द्वारा मंडल अध्यक्षों को निर्देश दिया गया कि वैसे अनुभवी कार्यकर्ता जिन्हें किसी भी कारण से अब तक महत्वपूर्ण जिम्मेवारी नही दी जा सकी है, उन्हें मोर्चा की कमेटियों में जोड़ने का सुझाव दें।भाजपा के सभी सात मोर्चा के मंडल अध्यक्षों के लिए भी 3-3 नाम की सूची भी जिला कमेटी को जमा करनेने का निर्देश दिया गया।
बता दें कि हाल ही में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने धनबाद में कार्यकर्ता सम्मेलन में संगठनात्मक पुनर्गठन प्रक्रिया में विलंब पर चिंता जताई थी। इसके बाद सभी लंबित मोर्चा की कमेटियां घोषित कर दी गई और तमाम जिला अध्यक्ष जिला प्रभारियों को रांची बुलाकर उनसे पूछा गया कि उन्होंने निचले स्तर तक अपनी कमेटियां गठित की अथवा नहीं। नहीं तो क्यों। उन्हें 1 सप्ताह के अंदर मंडल व शक्ति केंद्रों तक सभी कमेटियां गठित कर लेने का निर्देश दिया गया है।