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लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करा भाजपा भेदेगी झारखंड में महागठबंधन का चक्रव्यूह

अगला आम चुनाव यानी लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2019 में होना है। जबकि झारखंड विधानसभा की मियाद दिसंबर 2019 तक है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 06:27 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 06:27 PM (IST)
लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करा भाजपा भेदेगी झारखंड में महागठबंधन का चक्रव्यूह
लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करा भाजपा भेदेगी झारखंड में महागठबंधन का चक्रव्यूह

धनबाद, मृत्युंजय पाठक। झारखंड में महागठबंधन के चक्रव्यूह को भेदने के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति तय कर ली है। अगर सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से हुआ तो झारखंड में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हो सकते हैं। दोनों चुनाव साथ-साथ लड़ने की झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने अंदरखाने जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के रणनीतिकारों का आकलन है कि एक साथ चुनाव होने पर भाजपा झारखंड में विपक्षी घेराबंदी को तहस-नहस कर 2019 में भी 2014 की सफलता को दोहरा सकती है। केंद्रीय नेतृत्व ने भी झारखंड भाजपा को साथ-साथ चुनाव के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।

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अगला आम चुनाव यानी लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2019 में होना है। जबकि झारखंड विधानसभा की मियाद दिसंबर 2019 तक है। दोनों के बीच करीब सात महीने का फासला है। सत्तासुख के लिए सात महीने का समय भी कम नहीं होता है। लेकिन, झारखंड की सत्ता में वापसी के लिए भाजपा के रणनीतिकार लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने के पक्षधर हैं। प्रदेश भाजपा पहले एक साथ चुनाव के पक्ष में नहीं थी। लेकिन, झारखंड में महागठबंधन की कवायद को देख भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलने का फैसला लिया है। भाजपा को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद समेत छोटे-छोटे दलों के बीच गठबंधन पर सहमति बन चुकी है। हालांकि सीटों का बंटवारा अब भी बड़ा गतिरोध बना हुआ है। इनके बीच लोकसभा की सीटों का बंटवारा हो भी जाय तो विधानसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा बहुत आसान नहीं है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि झामुमो उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झाविमो सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री बालूलाल मरांडी एक-दूसरे के नेतृत्व को मानने के लिए शायद ही तैयार हों।

भाजपा सूत्रों के अनुसार उसके रणनीतिकारों का आकलन है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ होने पर झारखंड में महागठबंधन मूर्त रूप नहीं ले पाएगा। इसका फायदा भाजपा को मिलेगा। 2014 में राज्य की 14 में से जीती गई 12 सीटों के आसपास 2019 में भाजपा जीत लेगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के पक्षधर हैं। इस मुद्दे पर उन्होंने अपनी राय से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को अवगत करा दिया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष ने झारखंड में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव के नफे-नुकसान को बारीकी से आकलन करने का निर्देश दिया है।

झारखंड प्रदेश भाजपा के महामंत्री और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के प्रभारी अनंत ओझा राज्य में एक साथ चुनाव के सवाल पर कहते हैं-यह निर्णय लेना पार्टी नेतृत्व का काम है। चुनाव जब हो उसके लिए भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता तैयार है। उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्ष की तरह राजनीति नहीं करती है। विपक्ष सिर्फ चुनाव के समय जागता है। हमारी तैयारी सालों भर निरंतर चलती रहती है। चुनाव जब भी हो केंद्र की नरेंद्र मोदी और राज्य की रघुवर दास सरकार के कार्यो के बदौलत हम विपक्ष को शिकस्त देंगे।


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