सिदो-कान्हू के 'अबुआ राज' का सपना साकार करेंगे हेमंत, मंत्री बोले- वंशज की हत्या को लेकर भाजपा कर रही राजनीति
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सिदो-कान्हू के वंशज की हत्या को लेकर भाजपा राजनीति कर रही है। यह निंदनीय है। सिदो-कान्हू के अबुआ राज के सपने को हेमंत सरकार साकार करने वाली है।
धनबाद, जेएनएन। सूबे के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने विपक्षी दल भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सिदो-कान्हू के वंशज की हत्या को लेकर भाजपा राजनीति कर रही है। यह निंदनीय है। सरकार किसी भी स्तर पर जांच के लिए तैयार है। सिदो-कान्हू ने अबुआ राज का जो सपना देखा था। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में वह सपना साकार होने वाला है। सरकार संकल्प दिवस के रुप में इसे मनाएगी।
हूल दिवस पर दुमका के पोखरा चौक स्थित सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद मंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टी की नीयत सभी जानते हैं। उनको सिदो-कान्हू या उनके वंशजों से कोई लेना देना नहीं है। इस दौरान महेशपुर विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी ने कहा कि सीएम ने सीबीआई से जांच का आदेश दे दिया है। भोगनाडीह में कार्यक्रम के बहिष्कार की बात उचित नहीं है। आज सिदो कान्हू राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में चले गए हैं। पहले सामाजिक संगठन आयोजन करते थे।
फोटो खिंचवाने की होड़ में शारीरिक दूरी का उल्लंघन : सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी के अलावे जामा विधानसभा सदस्य सीता सोरेन, झामुमो के छात्र युवा मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत सोरेन भी पहुंचे थे। इस दौरान सैकड़ों के संख्या में कार्यकर्ता भी पहुंचे थे। हालांकि, इस दौरान फोटो खिंचवाने की होड़ में नेताओं-कार्यकर्ताओं ने शारीरिक दूरी का भी उल्लंघन किया।
सिदो-कान्हू वंशज की हत्या पर चुप क्यों हैं हेमंत सोरेन : इधर, भाजपा ने सिदो-कान्हू के वंशज के हत्यारों को फांसी की सजा और सीबीआई जांच की मांग की है। इसे लेकर राज्यपाल को एक ज्ञापन भी भेजा है। सांसद सुनील सोरेन ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन क्यों चुप हैं? सुनील ने कहा सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि जांच कराने को तैयार हैं। ऐसे में केंद्र को यह प्रस्ताव भेजना चाहिए। मुख्यमंत्री पर सीधा निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार मामले की लीपापोती कर रही है। यह सीएम के विधानसभा का मामला है और आज तक पीड़ित परिवार से मिलने नहीं गए। सबसे आश्चर्य व शर्मनाक यह कि झामुमो शहीद दिवस धूमधाम से मना रही है। प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रही है, लेकिन उस परिवार से मिलना मुनासिब नहीं समझती है।