Move to Jagran APP

यहां अंगूर है, उसकी बेटी भी, पढ़ें-इनसे झरिया पुलिस का याराना

Dhanbad Police Work Style News झरिया थाना की पुलिस के साथ बात बिगड़ गई। पड़ गया छापा। यह राज खुल गया कि कृषि हाट में अंगूर तो बाहर से आता है अंगूर की बेटी वहीं तैयार हो जाती है। कई सौ पेटी शराब जब्त हुई।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 09:29 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 06:26 AM (IST)
यहां अंगूर है, उसकी बेटी भी, पढ़ें-इनसे झरिया पुलिस का याराना
झरिया पुलिस ने शराब फैक्ट्री का खुलासा किया ( प्रतीकात्मक फोटो)।

अश्विनी रघुवंशी, धनबाद। झरिया का कृषि बाजार हाट। जब जाइए तब लोगों का हुजूम। कहीं अंगूर की पेटी उतरती दिखेगी तो कहीं नारियल का अंबार दिखेगा। जो चाहिए, वो मिलेगा। हां, मय के दीवानों को पता था कि यहां अंगूर की बेटी भी मिलती है। जब मन हुआ पहुंच गए। अंगूर के साथ अंगूर की बेटी मिलने को नजरंदाज कर रही थी तो सिर्फ पुलिस। इसी कारण सालों से वहां खाकी की धमक नहीं हुई। कुछ कारणों से खाकी के साथ बात बिगड़ गई। पड़ गया छापा। यह राज खुल गया कि कृषि हाट में अंगूर तो बाहर से आता है, अंगूर की बेटी वहीं तैयार हो जाती है। कई सौ पेटी शराब जब्त हुई। सबको लगा था कि शराब की फैक्टरी चलाने वाले पर अबकी शिवजी की कृपा नहीं होगी। हालांकि, झरिया पुलिस ने लेनदेन के पुराने रिश्ते का तो लिहाज किया। बच गए फैक्टरी मालिक।

loksabha election banner

मुख पट्टिïका तो धारण करें जनाब

स्टील गेट के नजदीक मछली बाजार। ताजी रोहू और कतला खरीदने के लिए लोग उमड़ पड़े। खचाखच भरा था बाजार। मुर्गा मार्केट में भी ऐसी भीड़ थी मानो मुफ्त में मिल रहा हो। कोरोना की पाबंदी के बीच लोग रविवार को विशेष बनाने को आतुर दिखे। न मछली वाले के मुंह पर मास्क, न मुर्गा बेच रहे मंडल दा के मुखड़े पर। ऐसा लग रहा था मानो मुर्गा-मछली के सेवन मात्र से कोरोना के वायरस से बच जाएंगे। अचानक डंडा लिए एक सिपाही नजर आए। पहले गुर्राये कि सब लोग मास्क पहन लीजिए। बीसीसीएल के एक अधिकारी भी मछली खरीद रहे थे। उनका ध्यान मछली की काया पर था। सिपाही नजर नहीं आए। बुजुर्ग सिपाही समझ गए कि साहब को तनिक कायदे से समझाना होगा। कुछ यूं अनुरोध किया, मुख पट्टिïका तो धारण कर लीजिए जनाब। कहीं देर न हो जाए। साहब समझ गए।

परीक्षा तो नहीं लेंगे मास्टरजी

लगातार दूसरे साल भी कोरोना के खतरनाक वायरस के कारण विद्यालयों में पढ़ाई बाधित हो गई। कभी विद्यालय बंद रहे तो कभी आनलाइन कक्षाएं हुर्इं। कभी विद्यार्थियों को विद्यालय में बुलाया गया। लगा था कि पढ़ाई अब पटरी पर आ रही है तो मुई तीसरी लहर आ गई। कालेजों में स्नातक से लेकर स्नातकोत्तर की परीक्षाएं स्थगित हो गर्इं। उम्मीद यही कि सभी प्रोन्नत होकर अगले सेमेस्टर में पहुंच जाएंगे। अब ये जानकारी डीएवी कोयला नगर, धनबाद पब्लिक स्कूल, डिनोबली समेत सभी स्कूलों के विद्यार्थियों एक दूसरे को वाट्सअप ग्रुप पर दे रहे। दरअसल, स्कूली विद्यार्थी भी तनाव में हैं कि सीबीएससी अथवा आइसीएसई बोर्ड ने आफलाइन परीक्षा करा दी तो बेड़ा गर्क ही हो जाएगा। डीएवी कोयला नगर के दसवीं के एक विद्यार्थी ने क्लास टीचर से सवाल किया, परीक्षा तो नहीं लेंगे ना मास्टरजी। मास्टरजी के पास अभी इसका कोई उत्तर नहीं है।

नकाब कर गया बेनकाब

शहीद निर्मल महतो मेमोरियल अस्पताल सह कालेज में कोरोना से संक्रमित लोगों को भर्ती किया जा रहा है। लघु नाम एसएनएमएमसीएच। अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के भागने की शिकायत सार्वजनिक हो गई। कोई सोचा न था कि जिन्हें मरीजों की देखभाल करनी थी, वही कुछ रुपये के लिए कोरोना मरीजों को अस्पताल से भगा रहे हैैं। जिला महामारी नियंत्रण पदाधिकारी डाक्टर राजकुमार सिंह ने चंद रुपयों के लिए मानवता विरोधी काम करने वाले अस्पताल के कर्मचारियों को पकडऩे के लिए नकाब पहन लिया। पहुंच गए रिश्वतखोर कर्मचारियों के पास। अनुरोध किया कि अस्पताल में भर्ती उनके भाई को बाहर निकलवा दे। वायदा किया कि भाई को होम आइसोलेशन में रखेंगे। कुछ सौ घूस में बात बन गई। अचानक डाक्टर ने मुख पट्टिïका हटाई। घूसखोर कर्मचारियों को धर लिया। कोरोना मरीजों को भगानेवाले राकेश और राहुल बाल्मिकी की नौकरी खतरे में है। हवा हो गई चिरेंधी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.